Rewa News: बोरवेल में गिरे मासूम की मौत मामले में मुख्यमंत्री ने लिया एक्शन, जनपद सीईओ एवं पीएचई एसडीओ निलंबित

घटना पर जताया दु:ख, परिजनों को 4 लाख रूपए सहायता राशि की घोषणा 

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रीवा के मनिका गांव में 160 फीट गहरे बोरवेल में गिरने से 6 वर्षीय मयंक की मौत के मामले में प्रदेश के मुखिया डॉ मोहन यादव ने गहरा दु:ख जताया है। साथ ही मासूम के परिजनों को 4 लाख रूपए सहायता राशि दिए जाने की घोषणा भी की इतना ही नहीं इस मामले मे जिम्मेदारी तय करते हुए मुख्यमंत्री ने  त्योंथर जनपद सीईओ एवं पीएचई एसडीओ को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। 

 

बता दें कि रीवा के त्योंथर क्षेत्र के मनिका गांव में शुक्रवार को 160 फीट गहरे बोरवेल में फंसे 6 वर्षीय मयंक गिरने की खबर सामने आई थी जिसके  बाद प्रशासन के द्वारा उसे सकुशल बाहर निकालने के प्रयास किए गए। लेकिन करीब 45 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मिट्टी-पत्थरों के बीच दबा मासूम का शव बाहर निकाला गया। 

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 लाख कोशिशों के बावजूद जिंदगी की जंग मासूम हार गया। दो दिनों से अपने लाल का इंतजार कर रहे परिजन इस खबर से बदहवास हो गए। वहां मौजूद हर एक शख्स मायूस नजर आया। करीब 45 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद वह बोरवेल के भीतर 42 फीट की गहराई पर मिट्टी-पत्थरों के बीच दबा मिला। उसके शरीर में कोई हलचल नहीं थी। मासूम के शव को बाहर निकालकर मेडिकल टीम उसे लेकर अस्पताल पहुंची। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिला पंचायत सीईओ सौरभ सोनवड़े ने भी 6 वर्षीय बच्चे की मौत की पुष्टि की है।

 

इधर सीएम डॉ मोहन यादव ने घटना पर दु:ख जताते हुए कड़ा एक्शन भी लिया है। घटना की जिम्मेदारी तय करते हुए त्योंथर जनपद के सीईओ एवं त्योंथर पीएचई के एसडीओ को निलंबित करने के निर्देश दिए। इस कार्यवाही की जानकारी खुद सीएम डॉ मोहन यादव के ऑफिशियल एक्स एकाउंट के जरिए दी गई। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने लोगों से बोरवेल खुले न छोड़ने की अपील की है। ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

 बता दें कि शुक्रवार को करीब साढ़े तीन बजे जनेह थाना क्षेत्र के मनिका गांव में एक बच्चे के खुले बोरवेल में गिरने की सूचना प्राप्त हुई थी जिसके बाद प्रशासन ने सक्रियता दिखाते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन शूरू कर दिया। जेसीबी के माध्यम से बोर के पैरलल खुदाई शुरू की गई। साथ जिले बचाव दल के साथ सहित वाराणसी से एनडीआरफ को मौके पर बुलाया गया। तमाम कोशिशों के बावजूद मासूम की जान नहीं बच सकी।