MP News: स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले रीवा समेत 15 जिलों के 2 लाख बच्चों को नहीं लगे टीके, स्वास्थ्य अमले की बड़ी लापरवाही

देश के सर्वाधिक शिशु मृत्यु दर वाले मध्यप्रदेश के लिए यह आंकड़े चिंताजनक 

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सरकारों के द्वारा लगातार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में विस्तार का दावा किया जाता है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। जहां स्वास्थ्य अमला बुरी तरह फेल नजर आ रहा है। कुपोषित बच्चों व शिशु मृत्यु दर में देश भर में शर्मनाक स्थिति में रहने वाले मध्यप्रदेश में प्रदेश में बच्चों के टीकाकरण में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। 15 जिलों के दूरस्थ इलाकों में एक साल तक के दो लाख से ज्यादा बच्चों को किसी टीके की खुराक नहीं दी गई। उन्हें डीपीटी टीके की कोई डोज नहीं लगी। 

 


यह स्थिति तब है, जब मप्र में शिशु मृत्युदर सर्वाधिक 43 है। देश में यह दर 25 है। ग्लोबल अलाएंस फॉर वैक्सीन्स एंड इम्यूनाइजेशन की पहल के बाद विभाग की नींद खुली। एनएचएम मिशन संचालक प्रियंका दास ने बताया कि डब्ल्यूएचओ औरानडीपी की मदद से बच्चों को चिह्नित कर टीकाकरण करेगा।

 

 


स्वास्थ्य मंत्री के जिले का भी हाल बेहाल 
वैसे तो पूरे मध्यप्रदेश में ही स्थिति खराब है। लेकिन प्रदेश के डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल के जिले रीवा में हाल वहीं है जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य अमले को किसी चीज का कोई डर नहीं हैं। रीवा के अलावा आसपास के जिलों सतना व सिंगरौली में भी दूरदराज के इलाकों में भी बच्चों को किसी टीके की खुराक नहीं दी गई।  

 


97 ब्लॉक किए गए चिन्हित 
ग्लोबल अलाएंस ने बालाघाट, बड़वानी, भिंड, मंदसौर, मुरैना, पन्ना, राजगढ़, रीवा, सतना, शिवपुरी, सिंगरौली, सीहोर, ग्वालियर, विदिशा, दमोह जिलों के 97 ब्लॉक चुने हैं। यहां जीरो डोज वाले बच्चे सबसे ज्यादा हैं। राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. संतोष शुक्ला ने बताया, जिन्हें पेंटावेलेंट वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगी है, उन्हें जीरो डोज के तहत रिपोर्ट करेंगे।