Loksabha Election: 25 साल बाद अमहिया घराने से इतर प्रत्याशी उतारेगी कांग्रेस, कई नामों पर चल रहा विचार

2019 लोकसभा के कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ तिवारी अब भाजपा विधायक 

 | 
rewa

रीवा। तीन महीने बाद लोकसभा चुनाव होना है। सत्तारूढ़ दल पूरी तरह से चुनावी मोड में है। भाजपा में लोकसभा का प्रत्याशी कौन होगा कौन नहीं, या फिर पुराने प्रत्याशी को ही उतारा जायेगा, इसको लेकर कोई हलचल नहीं है। लेकिन प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस व बसपा में प्रत्याशियों की हलचल अवश्य दिखने लगी है। एक बात तो तय है कि इस बार पांच पंचवर्षीय के बाद अब कांगे्रस अमहिया के तिवारी परिवार से इतर अपना प्रत्याशी उतारेगी। साल 2019 आम चुनावों के कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ तिवारी अब भाजपा विधायक हो चुके हैं। 

 

इधर, कांग्रेस के नए प्रदेशाध्यक्ष ने सभी पदाधिकारियों की बैठक लेकर लोकसभा चुनाव के लिए डट जाने को कहा है। हालांकि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं में जो उत्साह दिख रहा था, वह नहीं दिख रहा है। वजह साफ है, जिले की 8 विधानसभा क्षेत्रों में, जिनमें से 4 सीटें जीतने का कांग्रेस दावा कर रही थी, केवल एक सीट ही जीत पायी। भले ही कांग्रेस को सीटें न मिली हों लेकिन इस बार कांग्रेस हर जगह दूसरे स्थान पर रहीं। कुछ जगह बहुत करीब का अंतर रहा। पिछले चुनावों की तुलना में इस बार कांग्रेस का वोट प्रतिशत भी बढ़ा है। इसलिए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। लेकिन यह अभी तय होना है कि मैदान में प्रत्याशी कौन होगा।


1999 से लगातार प्रत्याशी रहे स्व. सुंदरलाल तिवारी 
उल्लेखनीय है कि सन् 1998 के बाद लोकसभा का प्रत्याशी कांग्रेस ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्व. श्रीनिवास तिवारी के घर से ही दिया है। 1999 के चुनाव में सुंदरलाल तिवारी को टिकट मिला और वह जीत गए, लेकिन उसके बाद 2004, 2009, 2014 के चुनावों में उन्हें हार मिली। 2019 में सुंदरलाल तिवारी के निधन के बाद उनके पुत्र सिद्धार्थ तिवारी को कांग्रेस ने उतारा। लेकिन इस चुनाव में भी कांग्रेस को निराशा ही हाथ लगी। अब जबकि सिद्धार्थ तिवारी कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल होकर त्योंथर से विधायक हो गए, तब कांग्रेस को इस अमहिया घराने से इतर प्रत्याशी ढूढ़ना पड़ेगा। 


इन नामों पर चल रही चर्चा
चर्चा भी चल रही है कि रीवा लोकसभा क्षेत्र से विधायक अभय मिश्रा, पूर्व सांसद देवराज सिंह पटेल, पूर्व कांग्रेस जिला अध्यक्ष त्रियुगी नारायण शुक्ल भगत, पूर्व मंत्री राजेंद्र मिश्रा, पूर्व विधायक सुखेंद्र सिंह बत्रा, पूर्व विधायक रामगरीब वनवासी के नामों पर कांग्रेस विचार कर चल रहा है। हालांकि इसका फैसला अभी भविष्य के गर्भ में है।