Sidhi News: सीधी में आईएएस अफसर को मिठाई के डिब्बे के साथ रिश्वत देना पड़ा महंगा, नेताजी को थाने ले गई पुलिस

जिला पंचायत सीईओ अंशुमान राज के पास ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक को वित्तीय प्रभार दिलाने का आवेदन लेकर पहुंचे थे नेताद्वय

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सीधी। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी याने सीईओ अंशुमान राज कोमिठाई के डिब्बे के साथ रिश्वत देने की कोशिश करना उस समय महंगा पड़ गया जब तेज तर्रार आईएएस ने पुलिस अधीक्षक को सूचना देकर मिठाई के डिब्बे के साथ लिफाफा देने का प्रयास करने वाले दो नेताओं को थाने भिजवा दिया। दैनिक गुड मॉर्निंग के सीधी संवाददाता दीपनारायण द्विवेदी से मिली जानकारी के मुताबिक सीधी जिला पंचायत के सीईओ अंशुमान राज अपने कार्यालय में बैठकर रोज की तरह कार्यों को संपादित कर रहे थे। इसी बीच सीधी जिले के रघुनाथपुर गांव के एक नेता विनोद त्रिपाठी, एक पूर्व जिला पंचायत के सदस्य के साथ मिठाई का डिब्बा लेकर सीईओ कार्यालय पहुंच गए। उनके हाथ में एक आवेदन पत्र और एक लिफाफा भी था। 


 जिला पंचायत सीईओ अंशुमान राज ने नेता विनोद त्रिपाठी से पूछा कि क्या काम है? तो विनोद त्रिपाठी ने आवेदन पत्र, मिठाई का डिब्बा और लिफाफा सीईओ के सामने कर दिया। सीईओ को मिठाई के डिब्बे के साथ रिश्वत का अंदेशा हुआ तो उन्होंने अपने सुरक्षाकर्मी और भृत्य से दोनों नेताओं को केबिन के बाहर बैठाने के लिए कहा तथा खुद पुलिस अधीक्षक रवींद्र वर्मा को फोन लगा दिया। 


 दोनों नेताओं को जिला पंचायत सीईओ के व्यवहार से मामला कुछ गड़बड़ लगा और पूर्व जिला पंचायत सदस्य लघुशंका के बहाने रफूचक्कर हो गए। लेकिन उसी समय मौके पर एसपी की भेजी कोतवाली पुलिस पुहुंच गई तथा लिफाफा देने की कोशिश कर रहे नेता विनोद त्रिपाठी को पूछताछ के लिए थाने ले गई। बाद में पुलिस ने जिला पंचायत सीईओ के शिकायत के आधार पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य को भी ढूंढ़कर पकड़ लिया है। दोनों से पूछताछ जारी है। हालांकि पुलिस ने दोनों नेताओं की गिरफ्तारी की पुष्टि अभी नहीं की है। विनोद त्रिपाठी के बारे में पता चला है कि वह रघुनाथपुर ग्राम पंचायत में सरपंची का चुनाव लड़ चुका है।

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 दैनिक गुड मॉर्निंग को मिली जानकारी के मुताबिक विनोद त्रिपाठी और पूर्व जिला पंचायत सदस्य मिठाई और रिश्वत के साथ रघुनाथपुर ग्राम पंचायत के एक मामले से ही जुड़ा आवेदन पत्र सीईओ को दे रहे थे। रघुनाथपुर ग्राम पंचायत के सचिव मनोज कुमार शुक्ला की एक मामले में शिकायत हुई थी। इसको लेकर जिला पंचायत सीईओ ने सचिव से वित्तीय प्रभार छीन लिया था। सीईओ दफ्तर पहुंचे दोनों नेता ग्राम पंचायत का वित्तीय प्रभार वहां के रोजगार सहायक दिलाना चाहते थे। वेे सरपंच के लेटर पैड में लिखा आवेदनपत्र,  मिठाई के डिब्बे और लिफाफे के साथ लेकर सीईओ के पास पहुंचे थे कि दांव उलटा पड़ गया। फिलहाल मामला पुलिस तक पहुंच चुका है।