Singrauli News: सिंगरौली में बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से मची हाय-तौबा, अन्नदाता बेबस

चितरंगी-देवसर तहसील क्षेत्र के कई गांव में गिरे ओले, तूफान के साथ हुई बारिश

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ऊर्जाधानी में एक बार फिर से मौसम ने करवट बदला है। आज दिन मंगलवार की दोपहर बाद तूफान के साथ-साथ बारिश भी हुई और देवसर-चितरंगी क्षेत्र के कई अलग-अलग गांवों में ओले भी गिरे हैं। बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि से दलहनी-तिलहनी, रबी फसल, जौ, गेहूॅ के साथ-साथ सब्जी के फसलों को काफी नुकसानदेह बताया जा रहा है।

जिले में एक बार फिर से मौसम का मिजाज बदल गया है। बीते दिवस कल दिन सोमवार से ही आसमान में बादल मडऱा रहे थे और कुछ अंचलों में बूंदाबांदी भी हुई थी। आज दिन मंगलवार के सुबह से ही आसमान में बादल मडऱा रहे थे और सूर्य देवता भी लुकाछुपी का खेल रहे थे। दोपहर 1 बजे से ही आसमान में धुंध जैसे हालात बने थे कि  करीब शाम 4 बजे ऊर्जाधानी में मौसम अपना असली रूप दिखाने लगा। जिला मुख्यालय बैढऩ में जहां तूफान के साथ बूंदाबांदी हुई वही देवसर-चितरंगी, सरई तहसील के लंघाडोल के ईलाके  में तेज बारिश के साथ-साथ ओले भी गिरने लगे। आलम यह था कि देखते ही देखते कई गांवों के खेतो व खलिहानों में सफेद चादर चारों तरफ ओले नजर आने लगे। 

यहां बारिश का असर 
इतना ही नही इस बेमौसम बारिश का व्यापक प्रभाव चितरंगी तहसील क्षेत्र के देवरी प्रथम, दरबारी, बारदह, सगनरा, सुन्दर, सोठिया, बोदा, झगरौहा, करथुआ, कुसाही, पराई के अलावा सर्किल मोहरिया के चिकनी, खटाई, पोड़ी, मजगवां, हर्रेया, ढोढऱी, देवरा, लमसरई, डिघवार, रमडिहा, रतनपुरवा, देवसर तहसील के खड़ौरा, खैराबड़ा, झखरावल गीर-गड़वानी सहित कई गांवों में ओले की गिरने की जानकारी मिली है। इस ओलावृष्टि से दलहनी में अरहर, चना, मसूर, मटर एवं तिलहनी में सरसों, अलसी सहित गेहॅू, जौ व सब्जी के फसलों को नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। साथ ही आम एवं महुआ को भी नुकसान पहुंचा है। ऐेसे हालात में अन्नदाता काफी चिंतित हैं और उनके माथे पर चिंता की लकीरे खीच गई हैं। किसानों का कहना है कि फरवरी महीने से ही ईन्द्र देवता रूठे हुये हैं। क्षेत्र में तीसरी बार तेज बारिश व ओलावृष्टि का प्रभाव दिखाई दिया है। पिछले माह फरवरी ओलावृष्टि की नुकसानी का आकलन करने में काताही बरतने का आरोप लगाया गया। जहां ओला से प्रभावित किसानो के फसलों का मुआवजा नही मिला । 

देवसर-चितरंगी तहसील क्षेत्र में कई अलग-अलग गांवों में तेज बारिश के साथ ओले भी गिरे। आलम यह था कि खेतों मे जौ,गेहॅू की फसले सहित अन्य फसले लहरा रही थी कि एक झटके में ही देवरी गांव में गेहॅू की कुछ फसले पक गई थी। अन्नदाता इन्हें काटने की तैयारी में थे। लेकिन मंगलवार की शाम करबी 4 बजे के बाद 10 मिनट के अन्दर ओलावृष्टि ने ऐसी तबाही मचाई की अन्नदाताओं की बेचैनी बढ़ गई। वही महुआ, आम सहित अन्य फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है।