Satna News: मनमानी रेट पर शराब बेचने वाली तीन दुकानों के खिलाफ केस दर्ज, 19 लाख का जुर्माना

शहर के सेमरिया चौक, सिंधी कैंप और टिकुरिया टोला में संचालित दुकानों में हुई कार्यवाही 

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wine shop

सतना। राज्य शासन की निर्धारित दरों से ज्यादा कीमत पर शराब बेचने के मामले पकड़ में आने पर जिला आबकारी अधिकारी सुश्री विभा मरकाम ने कोलगवां थाना अंतर्गत सेमरिया चौक, सिंधी कैंप और टिकुरिया टोला में संचालित 3 शराब विक्रेताओं के लाइसेंस के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कराए हैं। जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि एमआरपी (अधिकतम निर्धारित मूल्य) से ज्यादा कीमत पर शराब की बिक्री के तीनों केस टेस्ट परचेज की औचक कार्रवाई के दौरान पकड़ में आए। 

उन्होंने बताया कि शिकायतें मिलने पर 13 मई की शाम सर्किल नंबर वन में सहायक जिला आबकारी अधिकारी लोकेश सिंह ठाकुर और सर्किल इंचार्ज राकेश चंद्र अवधिया की टीम ने दबिश दी। सुश्री मरकाम ने बताया कि एमएसपी से नीचे और एमआरपी से ऊपर की दर पर शराब की विक्री के विरुद्ध टेस्ट परचेज की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।

आबकारी सूत्रों ने बताया कि निर्धारित अधिकतम मूल्य से ज्यादा कीमत पर शराब बेचने की मुनाफाखोरी अब इन तीनों ठेकेदारों को महंगी पड़ने वाली है। केस कलेक्टर कोर्ट जाएगा। कलेक्टर दंड राशि तय करेंगे। माना जा रहा है कि टेस्ट परचेज में पकड़ में आए ठेकेदार आशीष तिवारी (सेमरिया चौक) को सबसे बड़ी 8 लाख की चोट लगनी है। एक अन्य ठेकेदार अतुल अग्रवाल (टिकुरिया टोला) को 6 लाख और ग्रेटमैन वेंचर्स (सिंधी कैप) को लगभग 5 लाख के अर्थदंड का अनुमान है। नियमों के तहत एमआरपी से भी ज्यादा कीमत पर मदिरा बेचने के अपराध में बतौर दंड एक दिन शॉप बंद रहेगी।

 शराब की बिक्री के शासन के नियम बहुत स्पष्ट है। शासन ने मदिरा की बिक्री दरें दो प्रकार से निर्धारित कर रखी हैं। एमएसपी बिक्री के लिए निर्धारित न्यूनतम दर होती है जबकि एमआरपी बिक्री की निर्धारित अधिकतम दर होती है। बिक्री नियमों के अनुसार निर्धारित न्यूनतम दर (एमएसपी) से कम कीमत और निर्धारित अधिकतम दर (एमआरपी) से अधिक मूल्य पर मदिरा की बिक्री गैर कानूनी और दंडनीय है। यहां एमआरपी से ज्यादा कीमत पर शराब की बिक्री पकड़ी गई है।


सिर मुड़ाते ओले पड़े, सिंडीकेट बनने के दूसरे ही दिन दबिश
इसी बीच सूत्रों के आरोप के अनुसार विगत 12 मई को सतना और मैहर जिले के शराब ठेकेदारों ने मिल कर सिंडीकेट बनाया था। इस मीटिंग में ठेकेदारों ने एकराय होकर हर प्रकार की मदिरा एमआरपी से अधिक कीमत पर बेचने की कसम खाई थी। इन्हीं सूत्रों के अनुसार निर्धारित दर से अधिक कीमत पर शराव बिक्री की रणनीति की भनक लगते ही एक्साइज डिर्पाटमेंट ने 13 मई की टेस्ट परचेज की औचक कार्रवाई कर दी।