सतना में बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत- हम राष्ट्र को बढ़ाने के लिए सब कुछ करेंगे

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ संचालक ने मझगवां में किया रानी दुर्गावती की प्रतिमा का अनावरण
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सतना में बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत- हम राष्ट्र को बढ़ाने के लिए  सब कुछ करेंगे

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत शनिवार को सतना पहुंचे। उन्होंने मझगवां में वीरांगना रानी दुर्गावती की प्रतिमा का अनावरण किया। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघ चालक डॉ. मोहन भागवत शनिवार की सुबह भोपाल से सतना पहुंचे। यहां उन्होंने कृष्ण नगर स्थित संघ कार्यालय नारायण कुटी पहुंच कर संघ कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। कुछ समय संघ कार्यालय में ठहरने के बाद वे मझगवां पहुंचे, जहां उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में स्थापित की गई वीरांगना रानी दुर्गावती की प्रतिमा का अनावरण किया।

बता दें, दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा मझगवां के केवीके परिसर में रानी दुर्गावती की प्रतिमा की स्थापना उनकी 500वीं जयंती के उपलक्ष्य में कराई गई है। यह प्रतिमा एक दुर्ग में स्थापित की गई है। इस कार्यक्रम ने जन भागीदारी के लिए क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य ग्रामों सहित सैकड़ों गांवों के बाशिंदों को आमंत्रित किया था।

यह भूमि रानी दुर्गावती और नाना जी की पवित्र भूमि

संघ प्रमुख डॉ. भागवत ने कहा कि रानी दुर्गावती के शौर्य पराक्रम से स्वतंत्रता की ज्वाला निरंतर जलती रही है। यह भूमि रानी दुर्गावती और नाना जी की पवित्र भूमि है। रानी दुर्गावती ने विदेशी आक्रांताओं को कई बार नाकों चने चबवाये। यहां से लेकर चंद्रपुर तक सतत संघर्ष इस क्षेत्र में जारी रहा। उन्होंने कहा कि देश को नुकसान तब ही पहुंचा है जब अपने स्वार्थ के कारण अपनों ने ही हमें चोट पहुंचाई। इसलिए अपने छोटे स्वार्थ के कारण हमारे अंदर देश हित की अनदेखी की प्रवृत्ति नहीं पनपनी चाहिए।

 रानी दुर्गावती के साथ धोखा हुआ लेकिन उन्होंने हमेशा ये ध्यान दिया कि कौन अपना है। उन्होंने सब कुछ देख कर अंत तक सहा और फिर सजा दी। हम सब भारत के लोग है, हमारा अपना एक देश, एक राष्ट्र है। हम सब एक हैं। हमारी शक्ति ऐसी है कि हमें तब तक कोई नहीं परास्त कर सकता जब तक हमारे अपने हमारे खिलाफ न खड़े हो जाएं। जिस तरह उन्होंने लड़ाई लड़ी उसका अध्ययन मिलिट्री भी करती है। उन्होंने एक सुखद साम्राज्य स्थापित किया जिसमें सब खुश थे। उन्होंने पूजा प्रशासन के कारण किसी को पराया नहीं माना। इस्लाम को मानने वाले भी उनके साथ अंत तक थे।

उस दौर में जितना कमाते थे उसका 80 फीसदी बांटने की परंपरा थी

संघ प्रमुख ने कहा कि अपना देश अलग-अलग प्रकार के लोगों का देश है। लेकिन प्रकार अलग होने से हम अलग नही होते। हमें सब को समृद्ध बनाना है। सब की चिंता करो। विदेशी आक्रांताओं ने अपनी व्यवस्थाएं हम पर थोपी। हमारी व्यवस्थाएं वैसी नहीं थी। हमारे यहां राजा रक्षक था,सीमाओं को सुरक्षित करने और जनता को खुश रखने वाला नियम बनाने वाला होता था जिसे धर्म कहते हैं। वह पूजा के कारण भेद नहीं करता था। उस दौर में जितना कमाते थे उसका 80 फीसदी बांटने की परंपरा थी क्योंकि तब लोग खुद को धन का ट्रस्टी समझते थे। फिर ऐसा दौर आया जब हम अपने ही देश मे पराधीन हो गए। लेकिन अब राष्ट्र को आगे बढ़ाने के लिए जो भी होगा वो सब हम करेंगे।

अध्येता अध्ययन करें, प्रजा संवाद करने वाले संवाद और प्रचार करें, और बताएं कि रानी दुर्गावती का स्वाभिमानी जीवन कैसा था। वे भारत माता की प्रतिमूर्ति हैं। ये बलिदानी ही हमारे पूर्वज हैं। ये हमारा ईश्वर प्रदत्त कर्तव्य है कि हम उनका स्मरण करें,उनके जीवन चरित्र को आत्मसात करें, उनकी तपस्या को नमन करें। हम सब को स्वाभिमान के साथ अपने लिए नहीं अपनों के लिए जीना है।प्रतिमा अनावरण समारोह में संघ प्रमुख की मौजूदगी में चित्रकूट के संतों का पूजन किया गया।

ये रहे मौजूद

इस कार्यक्रम में प्रदेश के खनिज मंत्री बृजेंद्र सिंह,संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर, पंचायत राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल, सांसद गणेश सिंह, पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला, कुलपति ग्रामोदय विश्वविद्यालय प्रो भरत मिश्रा,भाजपा जिलाध्यक्ष सतीश मिश्रा, डीआरआई के सचिव अभय महाजन, सतना महापौर योगेश ताम्रकार, कलेक्टर अनुराग वर्मा,एसपी आशुतोष गुप्ता, सीईओ जिला पंचायत डॉ. परीक्षित राव, आयुक्त नगर निगम राजेश शाही भी उपस्थित रहे।