Shahdol News: शहडोल में विद्यार्थियों ने कल्याणपुर स्थित वृद्धाश्रम का शैक्षणिक-सामाजिक किया भ्रमण
विद्यार्थियों को जीवन के वास्तविक अनुभवों से जोड़ना आज की आवश्यकता

शहडोल। पंडित शंभूनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय, शहडोल के अंग्रेजी विभाग द्वारा विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास तथा सामाजिक चेतना को सुदृढ़ करने की दिशा में एक सार्थक पहल करते हुए कल्याणपुर स्थित वृद्धाश्रम का शैक्षणिक-सामाजिक भ्रमण आयोजित किया गया। स्नातकोत्तर स्तर के विद्यार्थियों ने इस अवसर पर शिक्षकों की उपस्थिति में वृद्धजनों के साथ आत्मीय संवाद किया और उनके जीवन अनुभवों से समृद्ध हुए।
एक सहृदय और मानवीय ऊर्जा का संचार हुआ
वृद्धाश्रम में विद्यार्थियों और वृद्धजनों के बीच जिस आत्मीयता का आदान-प्रदान हुआ, वह अत्यंत मार्मिक और प्रेरणादायी था। साथ ही, विद्यार्थियों द्वारा वृद्धजनों के मध्य फलों का वितरण भी किया गया, जिससे समूचे वातावरण में एक सहृदय और मानवीय ऊर्जा का संचार हुआ। छात्र-छात्राएं जैसे अपने ही दादा-दादी से मिल रहे हों—ऐसा स्नेहपूर्ण वातावरण सहज ही बन गया। अनेक वृद्ध महिलाओं ने छात्राओं को आलिंगन में लेकर अपनत्व प्रकट किया, जबकि एक वृद्ध सज्जन ने अंग्रेजी की कविताएं सुनाकर सभी को भावविभोर कर दिया।
शिक्षा केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं
विभागाध्यक्ष प्रो. मनीषा तिवारी ने इस अनुभव को विद्यार्थियों के लिए अत्यंत मूल्यवान बताते हुए कहा शिक्षा केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं होनी चाहिए। विद्यार्थियों को जीवन के वास्तविक अनुभवों से जोड़ना आज की आवश्यकता है। वृद्धाश्रम में बिताया गया यह समय हमारे विद्यार्थियों के भीतर करुणा, सहानुभूति और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को और गहरा करेगा।
सहजता और सम्मान का परिचय दिया
इसी क्रम में डॉ. शुभम यादव ने बताया की वृद्धजनों के साथ संवाद करके विद्यार्थियों ने जिस सहजता और सम्मान का परिचय दिया, वह अत्यंत सराहनीय है। यह अनुभव उनके व्यक्तित्व में संतुलन, संवेदना और आत्मचिंतन की क्षमता को विकसित करेगा।
एक प्रेरणादायक यात्रा
इस प्रेरणादायक यात्रा में डॉ. ज्योति सिंह, डॉ. कात्यायनी, तथा पवन सोनी भी सम्मिलित रहे। प्राध्यापकों ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए उन्हें सामाजिक जुड़ाव की महत्ता से अवगत कराया। यह पहल न केवल एक शैक्षणिक गतिविधि रही, बल्कि विद्यार्थियों के लिए एक मानवीय अनुभव भी सिद्ध हुई—जिसमें संवाद, स्नेह और संवेदना का गहरा प्रभाव देखने को मिला।