नारी सम्मान या लाड़ली बहना, किस पर हुआ मतदान!, देखिए क्या कहते हैं आंकड़े-

महिलाओं का मतदान प्रतिशत बढ़ने से तरह-तरह की चर्चाएं, नेता भी कर रहे विमर्श 

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 रीवा। जिले में मतदान का प्रतिशत भले की साल २०१८ के विधानसभा चुनाव के बराबर रहा हो लेकिन इस बार इस बार महिला मतदाताओं ने सबसे अधिक मतदान कर जिले के सियासी समीकरण बदल दिया है। महिलाओं के बढ़े हुए वोट प्रतिशत पर सभी पार्टियों के अपने अपने दावे हैं। जहां बीजेपी के समर्थक और प्रत्याशी इसे लाड़ली बहना इफेक्ट मान कर खुश हो रहे हैं वहीं कांग्रेस समर्थक और नेता इसे नारी सम्मान के प्रति रूझान बता रहे हैं।  कुछ लोगों का यह भी तर्क है कि पुरूष वर्ग रोजी रोटी के जुगाड़ में घरों से बाहर है और महिलाएं घर में जिन्होंने मतदान में हिस्सा लिया। अब किसके दावे मेें कितनी सच्चाई है यह तो तीन को ही स्पष्ट हो पाएगा।

हर ओर एक ही चर्चा 
गांव, गली, चौराहों में भी महिलाओं का वोट प्रतिशत लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। भले ही परिणाम ३ दिसंबर को आने वाले हों लेकिन परिणाम के समीकरण अपनी अपनी सुविधा के अनुसार बता रहे हैं। बता दें कि रीवा जिले की आठ विधानसभा क्षेत्रों में केवल रीवा विधानसभा को छोड़ दिया जाए तो शेष सभी ७ विधानसभा सीटों में महिलाओं ने बाजी मारी है। जिसमें गुढ़, मऊगंज, देवतालाब, त्योंथर, मनगवां सिरमौर और सेमरिया विधानसभा क्षेत्र शामिल है।

चौंका देंगे परिणाम! 
 जिले के अधिकांश पोलिंग बूथ में सुबह से महिलाओं की भीड़ उमड़ी जो शाम तक लगातार बनी रही। महिलाओं के मतदान से अब 3 दिसंबर को आश्चर्यचकित परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं।   जिला निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में कुल 66.94 प्रतिशत मतदान हुआ। इसमें पुरूष मतदाताओं का प्रतिशत 64.32 तथा महिला मतदाताओं का प्रतिशत 69.80 रहा। इस दृष्टि से देखा जाए तो पुरूषों की तुलना में महिला मतदाताओं का प्रतिशत लगभग 5 प्रतिशत अधिक रहा। रीवा विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर शेष सभी आठ विधानसभा क्षेत्रों में पुरूषों की तुलना में महिलाओं का मतदान प्रतिशत अधिक रहा।


मऊगंज की महिलाएं पुरूषों के मुकाबले काफी आगे
रीवा विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर शेष सभी आठ विधानसभा क्षेत्रों में पुरूषों की तुलना में महिलाओं का मतदान प्रतिशत अधिक रहा। खास बात यह है कि जिले के मऊगंज विधानसभा  क्षेत्र में महिला और पुरूषों के वोट प्रतिशत में सबसे अधिक अंतर देखने को मिला। मऊगंज में महिलाओं ने खूब मतदान किया।  मऊगंज में जहां पुरूष मतदाताओं को वोट प्रतिशत महज 63.92 रहा वहीं 72.49 प्रतिशत महिलाओं ने वोट डाले। यानी लगभग 9 प्रतिशत अधिक महिला वोटरों ने अपने मत का इस्तेमाल किया।


विधानसभावार महिलाओं की स्थिति 
इसी तरह विधानसभा क्षेत्र सिरमौर में पुरूषों का प्रतिशत 60.98 तो महिलाओं का 67.88 प्रतिशत रहा। विधानसभा क्षेत्र सेमरिया में पुरूषों का प्रतिशत668.27 तो महिलाओं का73.52 प्रतिशत, त्योंथर में पुरूष 65.24महिला 72.31,तथा देवतालाब विधानसभा क्षेत्र में पुरूष मतदाताओं का प्रतिशत 59.62 तथा महिला मतदाताओं का प्रतिशत 66.84 रहा। विधानसभा क्षेत्र मनगवां में पुरूष मतदाताओं का प्रतिशत 59.30 तथा महिलाओं का प्रतिशत 65.65 एवं गुढ़ विधानसभा क्षेत्र में पुरूष मतदाताओं का प्रतिशत 68.65 तथा महिलाओं का प्रतिशत 73.02 रहा। केवल रीवा विधानसभा क्षेत्र में महिलाएं मामूली अंतर से पुरूषों से पीछे रह गइंर्। इस विधानसभा क्षेत्र में पुरूषों का प्रतिशत 69.31 तथा महिलाओं का प्रतिशत 67.32 रहा।


प्रशासन का भी रहा अहम योगदान 
माना जा रहा है कि महिलाओं के वोट प्रतिशत बढ़ाने में प्रशासन का भी अहम योगदान रहा है। चुनाव की तैयारियों के दौरान हर जिले के प्रत्येक गांव की मतदाता सूची में महिलाओं की मतदाताओं की संख्या बढ़ाने का लक्ष्य दिया गया था। बीएलओ लंबे समय से इस कार्य में लगे हुए थे। वहीं मतदाता जागरूकता अभियान के तहत गांव-गांव लोगों को मतदान के प्रति पे्ररित किया गया। यह इसका भी असर बताया जा रहा। कारण चाहे जो भी हो वोटिंग प्रतिशत बढ़ने से प्रशासन को अपने अधिकारी-कर्मचारियों की पीठ थपथपाने का मौका मिला है।