Vande Bharat Train Update: घाटे में रेलवे को याद आया रीवा, अब यहां से चल सकती है वंदे भारत ट्रेन
पिटलाइन का निर्माण पूर्ण करने के निर्देश, घाटे को दूर करने की कवायद

रीवा से भोपाल रानी कमलापति स्टेशन के लिए वंदे भारत ट्रेन का संचालन शुरू हो सकता है, इस लिहाज से रीवा रेलवे की उम्मीद अभी बरकरार है। भोपाल जबलपुर के बीच जो ट्रेन चल रही है उसे ही रीवा तक बढ़ाया जा सकता है, क्योंकि जबलपुर भोपाल वंदे भारत को अभी कम यात्री मिल रहे हैं। इसके साथ ही इसका किराया अधिक होने से फिलहाल रेलवे को घाटा हो रहा है।
जबलपुर भोपाल वंदे भारत ट्रेन को रीवा तक बढ़ाने की तैयारी चल रही है यानी रेल प्रशासन खुशी खुशी नहीं मजबूरी में यह निर्णय ले रहा है। रीवा से भोपाल के बीच चलाए जाने वाली वंदे भारत ट्रेन को अच्छा राजस्व मेला तब रेल प्रशासन गदगद होगा, नहीं तो एक बार फिर से किराया घटाने के ऑप्शन पर विचार किया जा सकता है।
तैयारियों के निर्देश
चूंकि वंदे भारत ट्रेन को रीवा से संचालित किया जा सकता है इस लिहाज से रीवा रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के ठहराव, मेंटेनेंस, साफ-सफाई आदि के लिए पर्याप्त व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए गए हैं इस क्रम में रीवा रेलवे स्टेशन में निर्माणाधीन पीठ लाइन को शीघ्र पूरा करना है याद व फिटलाइन का नॉन इंटरलॉकिंग का कार्य शुरू हो चुका है।
सूत्र बताते हैं कि विगत माह भारत ट्रेन को रीवा से संचालित किया जाने का प्रस्ताव था तब रीवा स्टेशन में व्यवस्था न होने के कारण ट्रेन नहीं चल सकी थी जिसके बाद उसे केरल भेज दिया गया।
कर्मचारियों को मिला प्रशिक्षण
बताते हैं कि वंदे भारत ट्रेन के संचालन हेतु स्थानीय रेल कर्मचारियों को पहले ही प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अब रीवा से रानी कमलापति स्टेशन भोपाल के लिए वंदे भारत ट्रेन का चलना शेष है। विगत माह प्रधानमंत्री का रीवा दौरा रहा. इस दौरान रेलवे के आव सक्रिय रहे। फिर भी, वटे भारत ट्रेज का संचालन रीवा से उस समय नहीं हो सका।
सांसदों ने लिखे थे पत्र
जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने गत वर्ष जब सौ वंदे भारत ट्रेन की घोषणा की थी। तब रीवा से दो वदे भारत ट्रेन चलाने बैंक आवंटित किए थे। इसमें से वदे भारत ट्रेन रीवा से रानी कमलापति स्टेशन भोपाल के लिए चलाने की बात की गई थी। जबकि दूस्सी वदेभारत ट्रेन रीवा से जयपुर चलाने का उलेख उक्त सूचना में रहा। अब फिलहाल एक ही वंदे भारत ट्रेन को लेकर रस्साकसी चाल रही है। रीवा सांसद, खजुराहो सांसद आदि रेल मंत्रालय से इस ट्रेन को चलाने पत्राचार कर चुके है।