Rewa शहर के शराब ठेकों में मची है लूट, सभी दुकानों में अलग-अलग हैं बीयर के रेट

आबकारी अधिकारियों के संरक्षण में मनमानी हुए शराब ठेकेदार, लुट रहे सुराप्रेमी
 
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रीवा शराब ठेकेदार पूरी तरह से मनमानी हो चुके हैं, जब जिस प्रकार से उनको दुकानों संचालन करना होता है वह उसी ढंग से दुकानो का संचालन करते हैं, नियमों का पालन तो दूर नियमों की बात सुनना भी ठेकेदार पसंद नहीं करते, इसका बड़ा कारण आबकारी अधिकारियों का शराब ठेकेदारों को मिल रहा संरक्षण हैं। लागातार सुराप्रेमियों के साथ लूट की जा रही है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शहर के जागरण मोड़ से लेकर बोदाबाद के बीच में तीन शराब दुकानें है और इन तीनों दुकानों में ही शराब के रेट मनमानी हैं, अलग-अलग वसूली शराब ठेकेदारों द्वारा की जा रही है।


इन तीनों शराब दुकानों में शराब व बीयर के अलग-अलग रेट अपने हिसाब से शराब ठेकेदारों ने तय कर रखे हैं, हद तो यह है कि सुराप्रेमियों से हो रही लूट को लेकर आबकारी अधिकारी भी मौन साधे बैठे हुए हैं और खुला संरक्षण शराब ठेकेदारों को दे रहे हैं।

बीयर एक, रेट तीन
बता दें कि बरा शराब दुकान, सिरमौर चौराहा व बोदाबाग शराब दुकान तीनों में अलग-अलग दाम है, लेमाउंट बीयर बरा शराब दुकान में 190 रुपए की दी जा रही है, सिरमौर चौराहा में इसका रेट 170 रुपए है और बोदाबाग शराब दुकान में इसका रेट 180 रुपए है, इसी प्रकार बीयर के केन पर अलग-अलग रेट बताए जा रहे है। शराब में भी 50 से 150 तक अधिक राशि वसूली जा रही है


शराब के दाम में 50 से 150 वसूली
बता दें कि इसी प्रकार के शराब के दुकानों में तीन सौ की शराब साढ़े तीन सौ डेढ़ सौ का काटर 200 और 180 रुपए में, 500 की बोतल 700 में बेची जा रही है। शहर सहित ग्रामीण अंचल की दुकानों में मनमानी लूट सुराप्रेमियों से जारी है, सफेदपोश नेताओं के संरक्षण के चलते अधिकारी भी मौन साधे बैठे हुए हैं और अवैध वसूली कराने में पीछे नहीं हट रहे हैं।

नियम तो छूते नहीं
शराब ठेकेदारों के लिए आबकारी विभाग के कहने को को नियम बना रखे है, आए दिन नियम की बाते भी अधिकारी करते पीछे नहीं हटते लेकिन शराब दुकानों में नियमों की धज्जियां खुले आम उठाई जा रही है. शराब दुकानों में रेट लिस्ट तो देखने को ही नहीं मिलती वहीं अहाता बंद होने के बाद भी आस- पास ठेला लगाने वालो से ठेकेदार वसूली का ठेला (लगाने की अनुमति दे रहे हैं जिनके द्वारा रुपए दिया जाता उनको अधिकारियों के सहयोग से हटा दिया जाता है।