Rewa-Singrauli Train: रीवा-सिंगरौली ट्रेन चलने को लेकर बड़ा अपडेट, गोविंदगढ़ में 33 सौ मीटर टनल का काम पूरा

 ललितपुर-सिंगरौली रेल प्रोजेक्ट चार माह में तैयार हो जाएगी और दो टनल

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ललितपुर-सिंगरौली अंतर्गत दो टनल अगले चार माह में तैयार हो जाएगी। जबकि एक टनल पूर्ण होने की स्थिति में है। एक टनल पहले ही तैयार हो चुकी है। बताया गया है कि रीवा से बरगवा के बीच छोटी-बड़ी मिला कर कुल 21 टनल बनाई जानी है। रीवा से गोविन्दगढ़ के बीच ग्रामीणों ने रेल लाइन का काम बंद करा रखा है। 

लेकिन गोविन्दगढ़ के बाद सीधी जिले में टनल का काम चल रहा है।  गोविन्दगढ़ में 3300 मीटर टनल निर्माण पहले ही करा लिया गया जबकि चुरहट और सीधी के निर्माण अंतिम चरण में है। इसके अलावा चुरहट और सीधी के बीच दो और टनल हैं। जिनका निर्माण पूरा होने की संभावना चार माह में मानी जा रही है।

2025 तक दौड़ेगी ट्रेन
दरअसल रीवा से सीधी के बीच पहाड़ में टनल बनाकर ट्रेन चलाई जानी है। जिसकी वजह से इस रेल प्रोजेक्ट में टनल की संख्या ज्यादा हो गई है। सीधी के बाद 17 टनल का निर्माण होना है। जिसके लिये अभी टेंडर लगाने की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। रेलवे का लक्ष्य मार्च 2025 तक ट्रेन चलाने का है लेकिन जिस तरह से रीवा से गोविंदगढ़ रेल लाइन का काम ग्रामीणों ने रोक रखा है उससे माना जा रहा है कि रीवा से सीधी के बीच ट्रेन चलाना संभव नहीं हो पाएगा।

अब तक 20 किमी बिछी लाइन
बताया गया है कि इस रेल प्रोजेक्ट में अभी तक सिर्फ रीवा से गोविन्दगढ़ 20 किलोमीटर की लाइन ही बिछी है। गोविन्दगढ़ के बाद लितपुर-सिंगरौली रेल प्रोजेक्ट के अंतर्गत दो टनल चार माह में तैयार हो जायेगी। जबकि एक टनल लगभग पूर्ण होने की स्थिति में लाइन बिछाने का काम अभी शुरू नहीं हो सका है। 

गौरतलब है कि रीवा से गोविंदगढ़ तक रेल की पटरिया तो बिछा दी गई हैं लेकिन अभी उसमें रेल नहीं दौड़ सकी है। ग्रामीणों ने रेल का काम ही रोक रखा है जिसकी प्रमुख वजह रेल नियमों में बदलाव को बताया जा रहा है। गौरतलब है कि रेल प्रशासन द्वारा जिन किसानों की जमीने अधिग्रहित की गई थी, उसके नियम में बदलाव करते हुए अब केवल 5 लाख रुपए देने का ही प्रावधान रखा गया है। जिसका किसानों ने विरोध भी किया लेकिन बाद में समझाइश के बाद आंदोलन को समाप्त करा दिया गया।