Rewa News: झोलाछाप डाक्टरों से इलाज कराना पड़ा महंगा, बच्चे की मौत
सोहागी थाने में घर वालों ने दर्ज कराई शिकायत, तबियत खराब होने पर लाए थे अस्पताल
रीवा। एक तरफ तो शासन द्वारा झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश जारी किया जाता है और दूसरी ओर उनकी दुकानें बकायदे संचालित हो रही है। झोलाछाप डाक्टर के इलाज से एक बच्चे की मौत हो गई। घटना के बाद घर वाले शिकायत दर्ज करवाने थाने आए जिस पर पुलिस ने बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवा दिया।
चौरा नानकार थाना सेहागी में रहेन वाला मोह मद साजिद पिता मकबूल अहमद 10 वर्ष की दो दिन पूर्व तबियत खराब हो गई थी। उसको घर वाले इलाज हेतु बारीकला में क्लीनिक संचालित करने वाले जय साहू के पास लेकर आए जिसने बच्चे का इलाज किया और परिजनों ने रकम ऐंठ ली लेकिन तबियत में सुधार नहीं हुआ।
रात में घर वाले उसको रायपुर सोनौरी के उपस्वास्थ्य केन्द्र में लेकर आए लेकिन वहां कोई डाक्टर नहीं था जिसकी वजह से घर वाले फिर तीन सौ मीटर दूर क्लीनिक खोलकर बैठे झोलाछाप डाक्टर वीके गुप्ता के पास पहुंचे। उसने बच्चे का इलाज यिका और उसे 7 बाटल चढ़ा दी। बाटल चढ़ाते ही बच्चे की हालत बिगड़ गई और मुंह से झाग निकलने लगा। यह देखकर घर वाले उसको प्रयागराज उपचार के लिए लेकर जा रहे थे जिसकी चाकघाट पहुंचने पर मौत हो गई। घर वाले लाश को लेकर वापस सोहागी आए और थाने में डाक्टरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवा दिया। घर वालों का आरोप था कि उक्त डाक्टरों द्वारा गलत ढंग से इलाज किया गया है जिसकी वजह से बच्चे की मौत हो गई। पुलिस की शिकायत को पुलिस ने विवेचना में लिया है।
शासन ने झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जारी किये है निर्देश
ग्रामीण क्षेत्रोंं में क्लीनिक दुकान संचालित करने वाले झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ शासन ने कार्रवाई के आदेश जारी किये है। कुछ दिन पूर्व ही शासन का पत्र सामने आयाह है जिसमें झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिये गये थे। हालांकि इसे अभी तक अमल में नहीं लाया गया जिससे गांव-गांव में फर्जी डाक्टरों की दुकानें खुली हुई है और लोग अपनी जिंदगियां गवां रहे है।