Rewa News: SGMH में अब हाईटेक सुविधा, वार्डों में पहुंचेगी मरीजों की रिपोर्ट, एक क्लिक में उपलब्ध

बुधवार से हो रही है नई शुरुआत, सभी वार्डों में लगाए जाएंगे कम्यूटर

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रीवा के संजय गांधी अस्पताल को हाईटेक बनाने की दिशा में काम शुरू हो गया है। हॉस्पिटल मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम की शुरुआत हो गई। शुरुआत पहले चरण से की गई। अब दूसरा चरण भी बुधवार को शुरू होने जा रहा है। दूसरे चरण का फायदा मरीजों और उनके परिजनों को मिलेगा। डॉक्टरों को भी इलाज में आसानी होगी। आसानी से मरीजों की सारे जांच की जानकारी वाडों तक पहुंच जाएगी।

संजय गांधी अस्पताल में बुधवार से नई शुरुआत होने जा रही है। यहां अब मरीजों को जांच पर्ची के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। अब कुछ ऑनलाइन वाडों में ही पहुंच जाएगा। बस एक क्लिक में डॉक्टरों की मरीजों की रिपोर्ट मिल जाएगी। मरीजों के रिकॉर्ड उंगलियों पर भागेगी। मरीजों के परिजनों को भागना नहीं पड़ेगा। 

 

बढ़ती रहेंगी सुविधाएं 
इसके अगले चरण में इसमें और भी विस्तार किया जाएगा। तब मोबाइल पर ही मरीजों की जानकारी डॉक्टर और मरीज खुद देख सकेंगे। इसके लिए कम्प्यूटर आपरेटरों की नियुक्ति सेडमैप कर रही है। इन्फार्मेशन सिस्टम के लिए अलग से मशीनरी भी पहुंच रही है। पूरा सेटअप तैयार किया जा रहा है। संजय गांधी अस्पताल का इन्फार्मेशन सिस्टम पूरी तरह से भोपाल मेडिकल कॉलेज की तरह की तैयार किया जा रहा है। 

 

ऐसे काम करेगा इन्फार्मेशन सिस्टम
संजय गांधी अस्पताल का एचएमआईएस फेज 2 शुरू होने जा रहा है। इसमें सभी वाडों में कम्प्यूटर सिस्टम लगाया जाएगा। इसमें मरीजों की जांच रिपोर्ट सीधे ही सेंट्रल लैब से वाडों तक पहुंच जाएगी। ऐसे में वाडर्डों में लगाए गए कम्प्यूटर के माध्यम से मरीजों की जांच रिपोर्ट एक क्लिक में डॉक्टरों को उपलब्ध हो जाएंगी। इसके लिए अब मरीजों के परिजनों को भागदौड़ नहीं करनी होगी। 

 

सभी को जनरेट की जाएगी आईडी 
एचएमआईएस योजना के तहत सभी डॉक्टरों को एक आईडी जनरेट की जाएगी। इस आईडी की मदद से ही डॉक्टर कम्प्यूटर के माध्यम से मरीजों की रिपोर्ट देख सकेंगे। इसके अलावा इसकी फीडिंग भी आईडी के जरिए ही होगी। अगले चरण में यह आईडी मरीजों को भी उपलब्ध कराई जाएगी। जिससे वह भी इस आईडी का  उपयोग कर रिपोर्ट आदि आनलाइन खुद देख सकेंगे।

 

अस्पताल का अलग से बनाया जा रहा सर्वर 
 संजय गांधी अस्पताल में अलग से सर्वर बनाया जाएगा। इसके अलावा पूरे अस्पताल के वार्डों में केबिल का जाल बिछाया जाएगा। सभी को कम्प्यूटर के माध्यम से एक दूसरे को जोड़ा जाएगा। सर्वर से कनेक्ट कर मरीजों का सारा डाटा इसमें फीड किया जाएगा।