Rewa News: रीवा के आमों का जलवा जारी, पिछले साल की तुलना में दो गुने दाम में हुए अनुसंधान केंद्र में आम के टेंडर

237 प्रजातियों के आम का हुआ टेंडर 

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रीवा जिले में पाया जाने वाला सुंदरजा आम विश्व प्रसिद्ध है। देश-विदेश में इस आम की मांग रहती है। इसके साथ ही अन्य प्रजातियों के आम भी काफी महत्व रखते हैं। इसका अंदाजा आप इस बात से लगा लीजिए कि जिले के कुठुलिया में आम अनुसंधान केंद्र में इस वर्ष आम के बगीचे के टेंडर की राशि पिछले वर्ष की अपेक्षा दोगुनी हो गई है। पिछले वित्तीय वर्ष में जिस रेट पर टेंडर दिया गया था इस साल दोगुने से भी अधिक रहा। 


बता दें कि जिले के गोविंदगढ़ में पाए जाने वाले सुंदरजा आम को जीआई टैग मिलने से ना सिर्फ सुंदरजा आम को एक अलग पहचान मिली है बल्कि इसका लाभ अब दूसरे आम की प्रजातियों को भी मिल रहा है। यही कारण है कि जिले के कुठुलिया आम अनुसंधान केंद्र में कई अन्य प्रजातियों  के पेड़ों को संरक्षित विकसित किया जाता है। जहां हर हाल आम की फलों का ठेका होता है।  

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इस संबंध में अनुसंधान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि कुठुलिया अनुसंधान केंद्र की 60 एकड़ जमीन में लगे 237 प्रजातियों के आम का टेंडर इस वर्ष हुआ है। जो पिछले वर्ष की अपेक्षा दोगुने से भी ज्यादा है। इस वर्ष पूरे बगीचे का टेंडर 18 लाख 71 हजार रुपए में हुआ है। जबकि पिछली बार यही टेंडर 7 लाख 11 हजार रुपए में हुआ था।


किया जा रहा शोध 
अनुसंधान केंद्र में वैज्ञानिक आम की विभिन्न प्रजातियों में शोध का काम कर रहे हैं। 60 एकड़ जमीन पर आम की विभिन्न प्रजातियां उपलब्ध हैं जिन पर लगातार शोध किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस अनुसंधान केंद्र में दशहरी,लंगड़ा,चौसा जैसे देसी प्रजातियों के आम सहित जीआई टैग प्राप्त आम सुंदरजा, मल्लिका और आम्रपाली जैसे कई प्रजातियों के आम भी लगे हुए हैं।