Rewa News: रीवा में बनकर तैयार हुआ FSL का रीजनल ऑफिस, रीवा-शहडोल संभाग के जिलों को मिलेगा लाभ

अभी तक बिसरा सहित अन्य जांच भेजी जाती थी सागर, अब यहीं हो सकेंगी  

 | 
rewa

रीवा। हर क्षेत्र में आगे बढ़ते रीवा शहर में अब एक और महत्वपूर्ण कार्यालय खुलने जा रहा है, जिसका भवन बनकर तैयार हो चुका है।  दरअसल, रीवा में एफएसएल का क्षेत्रीय कार्यालय खुलने जा रहा है।  दो साल पूर्व रीवा जिले में भवन स्वीकृत हुआ था, जिसके बाद निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया। जो अब पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया है। अभी तक रीवा जिले के सभी थानों का बिसरा सहित अन्य जांच सागर भेजी जाती थी, जहां से रिपोर्ट आने में काफी समय लग जाता था और तब तक मामला पेंडिंग रहता था। 

रीवा व शहडोल संभाग के जिलों को मिलेगा फायदा 
अब रीवा में लैब खुलने के बाद यहां पर ही जांच हो जायेगी। इसका लाभ रीवा व शहडोल संभाग के जिलों को मिलेगा। कार्यालय में अभी जांच में उपयोग होने वाले संसाधन उपलब्ध करवाए जा रहे है। इसके अतिरिक्त तीन अधिकारी व तीन टेक्नीशियन के पद यहां पर स्वीकृत कर दिए गए हैं, जिनमें भी जल्द नियुक्ति हो जायेगी। सारे संसाधन उपलब्ध होने के बाद यहां पर लैब का काम शुरू हो जायेगा।


 अधिकारी जल्द इसे शुरू करवाने का प्रयास कर रहे है। अभी तक जिन जांच रिपोर्ट के लिए तीन से 5 महीने का इंतजार करना पड़ता था, वे जल्द पुलिस को मिल जाएगी और अनसुलझे मामलों का रहस्य जानने में पुलिस को मदद मिलेगी।


 बता दें कि पुलिस लाइन में एफएसएल का क्षेत्रीय कार्यालय जल्द शुरू होने वाला है। सर्वसुविधायुक्त भवन बनकर तैयार हो गया है और अब यहां आवश्यक संसाधन मुहैया करवाए जा रहे हैं। इसके बाद कार्यालय में नियमित कामकाज शुरू हो जाएगा। पुलिस को विभिन्न जांचों के लिए सागर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

जिले से हर माह जाती है 100 से अधिक जांचें
जिले से हर माह 100 से अधिक जांचें सागर भेजी जाती हैं। बिसरा परीक्षण के हर माह 30 से 35 तक मामले आते हैं वाइस रिकार्डिंग, डीएनए, रक्त नमूना सहित अन्य जांचों को मिलाकर लगभग 100 से 120 तक प्रकरण भेजे जाते हैं। इनमें से आधे जांच अब रीवा में ही संभव हो जायेगी।

 मृतकों के बिसरा की होगी जांच 
एफएसएल के लैब की शुरुआत कुछ जांचों से की जाएगी और धीरे-धीरे इनका विस्तार किया जायेगा। फिलहाल यहां पर मृतकों के बिसरा की जांच होगी, जिससे मौत का कारण सामने आयेगा। रक्त, बाल व आवाज का परीक्षण भी यहां पर किया जायेगा। ये सभी जांच अभी सागर लैब जाया करती थी, लेकिन यह रीवा में ही संभव हो जायेगी।