Rewa News: अब रीवा के एग्रीकल्चर कॉलेज में भी शुरू हुआ मृदा परीक्षण, किसानों की मिट्टी की हो रही जांच

अभी तक जबलपुर या बाहर के लैब में भेजे जाते थे सैंपल

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रीवा। कृषि महाविद्यालय के मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग में मृदा एवं पौध पोषक तत्व विश्लेषण में कार्य किया जा रहा है, जिसमें कृषि महाविद्यालय में संचालित सभी परियोजनाओं के नमूने की जांच की जा रही है। पूर्व में नमूनों की जांच कृषि महाविद्यालय जबलपुर एवं अन्यत्र प्रयोगशालाओं से कराया जाता था लेकिन अब अधिष्ठाता डॉ एस के त्रिपाठी एवं शुष्क परियोजना इन्चार्ज डॉ आर के तिवारी के कुशल निर्देशन एवं मार्गदर्शन में प्रयोगशाला प्रभारी एवं विभाग प्रमुख डॉ जी डी शर्मा के द्वारा मृदा एवं पौधों के नमूनों का विश्लेषण किया जा रहा हैं। प्रयोगशाला में परा स्नातकोत्तर एवं शोध छात्रों के अनुसंधान का भी कार्य हो रहा है। साथ ही साथ ही आसपास के कृषकों के मिट्टी परीक्षण की भी जांच की जा रही है।


 स्कूल स्वायल हेल्थ कार्ड कार्यक्रम का हुआ आयोजन
स्कूल स्वायल हेल्थ प्रोग्राम के अन्तर्गत केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक-एक का चयन किया गया है। जिसके तहत पंजीकृत छात्रों द्वारा मृदा नमूना एकत्र कर प्रयोगशाला में विश्लेषण कर किया जाकर कक्षकों को स्वायल हेल्थ कार्ड वितरित किया जायेगा। गत दिवस विद्यालय में पंजीकृत शिक्षक मो. इखलाख आजाद एवं 25 छात्रों के समूह द्वारा रीवा विकासखण्ड अन्तर्गत ग्राम अजगरहा मृदा नमूना एकत्रीकरण का कार्य किया गया। कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु उप संचालक कृषि यूपी बागरी, एके पाण्डेय, डॉ. अखिलेश पटेल, डॉ. बीपी सिंह, आरके पटेल एवं विनोद कुमार सिंह के साथ मिट्टी परीक्षण कार्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा। 


इस दौरान डॉ. बी.पी. सिंह द्वारा मिट्टी परीक्षण का महत्व एवं मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाइन मृदा नमूना लेने की विधि विस्तार से समझाई गई। डॉ. अखिलेश पटेल द्वारा मृदा नमूना एकत्रीकरण का प्रैक्टिकल कराया गया। प्रशिक्षण में उप संचालक श्री बागरी द्वारा किसानों से अपील की गई कि खरीफ मौसम में पूर्व मृदा परीक्षण अनिवार्यत: करवायें ताकि मृदा में उपलब्ध पोषक तत्वों के आधार पर अनुशंसित उर्वरकों का ही प्रयोग कराया जा सके। साथ ही बच्चों को भी तकनीकी सलाह दी गई। उर्वरकों के प्रयोग के बारे में समझाया गया।


डॉ. एके पाण्डेय द्वारा मृदा में उपलब्ध पोषक तत्वों के महत्व, एवं अनुशंसित उर्वरकों के प्रयोग के बारे विस्तारपूर्वक समझाया गया. केएस बघेल वैज्ञानिक द्वारा मृदा विश्लेषण एवं विभिन्न पोषक तत्वों की जानकारी दी गई। डॉ. स्मिता सिंह वैज्ञानिक द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड, उर्वरक अनुशंसा एवं रसायन मुक्त फसल उत्पादों के बारे में छात्रों को जानकारी दी गई।