Rewa News: क्या सच है सुंदरजा आम के शुगर फ्री होने का दावा! एक्सपर्ट से जानिए सच्चाई-

अपने स्वाद और सुगंध के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है रीवा का सुंदरजा

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 रीवा की शान कहा जाने वाला सुंदरजा आम विश्व विख्यात है। देश के साथ-साथ विदेशों में भी इस विशेष प्रजाति के आम की काफी मांग है। जिसे पिछले साल जीआई टैग भी मिल चुका है। इस आम की प्रसिद्ध का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि साल 1968 में भारत सरकार ने सुंदरजा आम के नाम का डाक टिकट जारी किया था। इस आम की कई ऐसी खासियते हैं जो लोगों को इसका दीवाना बना देती हैं। लेकिन इस आम को लेकर  एक भ्रांति भी लोगों के बीच तेजी से फैली है। इसी पर आज हम आपको विस्तार से बताएंगे-

 

दरअसल अपने विशेष स्वाद और सुगंध के लिए दुनिया भर मे मशहूर सुंदरजा आम को लेकर कई तरह के दावे किए जाते हैं। जिसमें से एक बड़ा दावा यह भी किया जाता है कि यह आम शुगर फ्री है और इस आम को डायबटीज पेंशेंट्स भी बिना किसी नुकसान के खा सकते हैं। कई बार सुंदरजा की प्रशंसा करते-करते लोग यह बात कहते हैं। लेकिन विशेषज्ञों से बात करने पर कुछ अलग ही बात निकलकर सामने आती है। 

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डायबिटीज में खान-पान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। ऐसे में डाइट में ऐसी चीजों को ही शामिल करने की सलाह दी जाती है जो आपके ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाने की बजाय उसको कंट्रोल में रखे। इसलिए यह जानना जरूरी है कि शुगर होने पर हमको किस तरह की चीजों का सेवन करना चाहिए।  शोध बताते हैं के आम के अंदर फाइबर और विभिन्न एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं, जो शुगर को ब्लड में धीरे-धीरे पहुंचने में मदद करते हैं। मतलब आम में शुगर होता है यह बात तो तय है। 


 

...गैर वैज्ञानिक लगती है यह बात
बात अगर सुंदरजा की करें तो अभी तक ऐसा कोई रिसर्च सामने नहीं आया है जो इस बात की पुष्टि करे कि आम की यह विशेष प्रजाति शुगर फ्री है। इस विषय पर जब गुड मॉर्निंग ने डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी, मनोचित्सिक, भोपाल से बात की तो उन्होंने बताया कि डायबटीज के इलाज में शुगर संतुलन महत्वपूर्ण है, प्राय: हर फल में शर्करा पाई जाती है। इसलिए अगर हम किसी मीठे फल के लिए यह कहें कि यह शुगर के मरीज के लिए उपयोगी है तो यह बात गैर वैज्ञानिक लगती है। अपने आहार विशेषज्ञ से परामर्श लेकर ही मधुमेह रोगी सीमित मात्रा में आम का सेवन कर सकते हैं। 

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लापरवाही से न करें सेवन
ऐसे में यह कहा जा सकता है कि मध्ुामेह रोगियों को सुंदरजा आम को लेकर शुगर फ्री होने का किए जाने वाले दावे में पड़कर लापरवाही के साथ इसके सेवन से बचना चाहिए। क्यों कि इस आम के अंदर भी फाइबर और विभिन्न एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं। ये वही तत्व हैं जो शुगर को ब्लड में पहुंचाने का काम करते हैं।


 

सुगंध से हो सकती है सुंदरजा की पहचान 
बता दें कि सुंदरजा के अलावा रीवा में 237 वैरायटी वाले आम के बागान है। पर सबसे खास गोविंदगढ़ का सुंदरजा आम ही है। रीवा कृषि महा विद्यालय का फल अनुसंधान केंद्र कुठुलिया 32 हेक्टेयर में फैला है। यह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का उपक्रम है। सामान्यत: सुंदरजा आम का वजन 250 ग्राम से 500 ग्राम से अधिक होता है। जबकि इसकी लंबाई लगभग 13.7 सेमी व चौड़ाई 7.5 सेमी होता है। इस आम में गुठली का हिस्सा 12 प्रतिशत व छिलके का हिस्सा 14 प्रतिशत होता है। इसका स्वाद तो लाजवाब है कि इसकी सुगंध इतनी खास है कि कोई आंख बंद कर केवल इसकी सुगंध से ही इस आम की पहचान कर सकता है। 

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