Rewa News: 7 मंजिला बनेगा सुपर स्पेशलिटी का एक्सटेंशन भवन, निर्माण की प्रक्रिया शुरू
डेढ़ साल में बनकर होगा तैयार, बेडों की संख्या बढ़कर हो जाएगी 400
रीवा। सुपर स्पेशलिटी का कद और बढ़ने वाला है। अभी 240 बेड का अस्पताल है। अब जल्द ही इसमें 160 बेड और जुड़ जाएंगे। नया एक्सेंटेशन भवन का काम शुरू हो गया है। जी प्लस 6 फ्लोर बनाए जाएंगे। करीब 40 करोड़ की लागत से एक और बिल्डिंग बनाने का काम शुरू हो गया है। पाइप लाइन की शिफ्टिंग के बाद निर्माण जोर पकड़ेगा।
ज्ञात हो कि 150 करोड़ की लागत से सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण किया गया। इसके निर्माण से रीवा सहित विंध्य के लोगों को गंभीर बीमारियों के इलाज की सुविधा मिलनी भी शुरू हो गई। किडनी ट्रांसप्लांट, ओपन हार्ट सर्जरी, बायपास आदि अब अब रीवा के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में संभव है। यहां न्यूरो से लेकर यूरोलॉजी तक की सुविधा मौजूद हैं।
400 बेड की सुविधा जल्द
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में वर्तमान में 240 बेड हैं। इसमें न्यूरो, यूरो, किडनी, हार्ट के अलावा बच्चा विभाग के बेड भी हैं। यहां बेड की संख्या कम पड़ने लगी थी। अब सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में 160 और बेड बढ़ाने की तैयारी है। इसकी कार्ययोजना बनी और अब काम शुरू हो गया है। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद 400 बेड की सुविधा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में मिलेगी।
हार्ट के मामले में प्रदेश भर में अव्वल
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के दिल के ऑपरेशन के मामले में प्रदेश के अन्य सरकारी अस्पतालों को कहीं पीछे छोड़ दिया। धीरे धीरे यहां मरीजों की संख्या बढ़ने लगी। अब हालात यह हैं कि यहां मरीजों को भर्ती करने की जगह ही कम पड़ रही है। मरीज वेटिंग में चल रहे हैं। ऐसे में इस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के दायरे को बढ़ाने का निर्णय डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला ने लिया। डिप्टी सीएम के प्रयास से ही अब सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का एक्सटेंशन किया जा रहा है। इसके एक्सटेंशन का जिम्मा हाउसिंग बोर्ड कॉर्पोरेशन को मिला है। टेंडर फाइनल होने के बाद अब ठेकेदार ने काम शुरू कर दिया है।
गैस्ट्रोलॉजी और गैस्ट्रो सर्जरी की होगी शुरुआत
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में सीवीटीएस, न्यूरो सर्जरी, न्यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, इलेक्ट्रो कार्डियोलॉजी, इंटरवैटिकल कार्डियोलॉजी, पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी, नियोनेटोलॉजी, कार्डियक सर्जरी, रेडियोडायग्नोसिस जैसे विभाग संचालित हैं। अब इसमें एक और विभाग जुड़ गया है। नए विंग में गैस्ट्रोलॉजी और गैस्ट्रो सर्जरी की भी शुरुआत की जाएगी। इस नए विभाग के शुरू होने से पेट के मर्ज के मरीजों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। नैस्ट्रोलॉजिस्ट संजय गांधी अस्पताल में पहले से ही मौजूद थे। अब सिर्फ सर्जन की तलाश है।
सुपर स्पेशलिटी में जल्द ही आएगी नई कैथलैब मशीन
दिल के मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। जल्द ही सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में एक और कैथलैब मशीन आने वाली है। शासन से स्वीकृति मिलने के बाद अब खरीदी की प्रकिया भी शुरू हो गई है। जल्द ही नई कैथलैब मशीन सुपर स्पेशलिटी में इंस्टाल हो जाएगी। ज्ञात हो कि पिछले दिनों सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की कैयलैब मशीन खराब हो गई थी। इसके कारण कई दिनों तक हार्ट का ऑपरेशन सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में नहीं हो पाया था। सीरियस मरीजों को परेशानियां हुई। कुछ मरीजों को एयर एम्बुलेंस से भोपाल भी भेजा गया।
इस परेशानी को देखते हुए तुरंत सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से प्रस्ताव बनाकर डीन श्याम शाह मेडिकल कॉलेज को भेजा गया। डीन ने प्रस्ताव शासन के पास भेज दिया। शासन से स्वीकृति भी मिल गई। स्वीकृति मिलने के बाद नई कैयलैब मशीन की प्रक्रिया टेंडर तक पहुंच गई है। जल्द ही नई कैथलैब मशीन सुपर स्पेशलिटी अस्पताल पहुंच जाएगी। इसके बाद एक मशीन के खराब होने पर भी हार्ट का ऑपरेशन रुकेगा नहीं। मरीजों को को दो कैथलैब मशीन का फायदा मिलेगा।