MP News: चार साल की सरपंची में 4 लाख से बढ़कर 1 करोड़ हो गई बेनामी संपत्ति, कोर्ट ने सुनाई सजा

आय से अधिक संपत्ति होने के अपराध में 4 साल का सश्रम कारावास, 1 लाख का जुर्माना 

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रीवा। भ्रष्टाचार की जड़ें समाज में कितने भीतर तक फैल चुकी हैं। इसका अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि एक सरपंच ने अपने चार साल के कार्यकाल में 1 करोड़ की राशि जुटा ली। हालांकि इस मामले में शिकायत के बाद सरपंच को कोर्ट ने सजा भी सुनाई है। पूर्व सरपंच के पास आय से अधिक संपत्ति होने के अपराध का दोषी मानते हुए विशेष न्यायालय लोकायुक्त द्वारा 4 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। 

बताया गया कि  लोकायुक्त रीवा ने धारा 13(1)(ई) सहपठित धारा 13(2)भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रकरण में आरोपी मो. यूसुफ खान उर्फ ईशू पिता शेख मोलई खान,उम्र-47 वर्ष,(पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत गोरेगांव 165), निवासी ग्राम पोस्ट गोरेगांव 165, थाना रायपुर कर्चुलियान जिला रीवा को आय से अधिक संपत्ति होने के अपराध का दोषी पाते हुए डॉ मुकेश मलिक विशेष न्यायाधीष (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम), जिला रीवा ने आरोपी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(ई) सहपठित धारा 13(2) के तहत 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 100000/- रू (एक लाख रूपये) जुर्माना की सजा से दण्डित किया।


मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संतोष कुमार शुक्लाएडीपीओ रीवा ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम पंचायत गोरगांव जिला रीवा की समस्त जनता द्वारा आरोपी के विरूद्ध पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त रीवा को इस आशय की शिकायत प्रस्तुत की गयी कि ग्राम पोस्ट गोरगांव वार्ड संख्या 165 जिला रीवा म.प्र. में विगत चार वर्ष पूर्व आयोजित सरपंच के चुनाव के दौरान यूसुफ खान पुत्र शेख मोलई को ग्राम पंचायत गोरगांव 165 की जनता ने इनके स्वच्छ छवि के मद्दे नजर गांव के विकास के लिए सरपंच के रूप में चुना था।

4 लाख दर्शायी थी कुल संपत्ति
जब मो युसुफ सरपंच का नामांकन फार्म भरा था उस दौरान उसने अपने एवं अपने परिवार के पूर्ण सम्पत्ति का ब्यौरा लगभग 4,00,000 रूपये मात्र दर्शाया था जो सरपंच बनने के चार साल बाद बढ़कर लगभग 01 करोड़ से ऊपर हो गई है। उक्त शिकायत के संबंध में निरीक्षक अशोक पाण्डेय को पुलिस अधीक्षक द्वारा सत्यापन किया गया जिनके द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध आय से अधिक संपत्ति की जांच कर तथा शेष अनुसंधान पूर्ण होने पर अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया।

जिला अभियोजन अधिकारी सुशील कुमार शुक्ला एवं वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सूर्य प्रसाद पाण्डेय के मार्गदर्शन में विचारण के दौरान शासन की ओर से पैरवी करते हुए विशेष लोक अभियोजक (पीसी एक्ट) आलोक श्रीवास्तव जिलारीवा, के तर्को से सहमत होते हुए न्यायालय डॉ0 मुकेश मलिक विशेष न्यायाधीष (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम), जिला रीवा ने उक्त आरोपी को उपर्युक्त दण्ड से दंडित किया।