Vindhya Politics: रीवा, सतना, शहडोल के सांसदों को बीजेपी ने क्यों किया रिपीट, सीधी में क्यों नया चेहरा जानिए पूरी कहानी

जनार्दन मिश्र, गणेश सिंह व हिमाद्री सिंह पर केंद्रीय नेतृत्व को भरोसा, डॉ. राजेश मिश्र की नाराजगी की दूर

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 रीवा। लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने प्रदेश की 29  में से 24 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। वहीं अगर विंध्य क्षेत्र की बात करें तो विंध्य की चार सीटों में से ३ में पुराने चेहरे रिपीट किए गए हैं। जबकि एक सीट पर बदलाव किया गया। बता दें कि विंध्य में रीवा, सतना, सीधी, शहडोल चार सीटें आती हैं। रीवा-सतना व शहडोल से मौजूदा सांसदों पर ही बीजेपी ने भरोसा जताया है जबकि सीधी सीट में बदलाव किया गया है। 

रीवा से जनार्दन मिश्र तीसरी बार मैदान में 
रीवा लोकसभा सीट से भाजपा ने एक बार फिर वर्तमान सांसद जनार्दन मिश्रा पर भरोसा जताया है। जो कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ सांसद हैं। 2014 में वे पहली बार रीवा लोकसभा से सांसद निर्वाचित हुए। जिसके बाद से लगातार सांसद हैं। 
पहली बार साल २०१४ में बीजेपी ने जनार्दन मिश्र को चुनावी मैदान में उतारा था।   वह दो बार से रीवा के सांसद हैं। पहला चुनाव उन्होंने व्हाइट टाइगर के नाम से मशहूर स्व. श्रीनिवास तिवारी के बेटे स्व. सुंदरलाल तिवारी के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़े थे।

जनार्दन मिश्रा बीजेपी से रीवा सांसद हैं। वह 2014 से लगातार दो बार के सांसद हैं। जनार्दन मिश्रा रीवा से 16 वीं लोकसभा के लिए सांसद चुने गए। इनका जन्म रीवा जिले के ग्राम पोस्ट हिनौता में 1 मई 1956 को हुआ था। इन्होंने बीए और एलएलबी किया है।
 रीवा शुरूआत से ही ब्राह्मण बाहुल्य सीट रही और इस सीट पर ब्राह्मणों का ही कब्जा रहा है। इन्होंने 2014 का लोकसभा चुनाव व्हाइट टाइगर के नाम से मशहूर स्व. श्रीनिवास तिवारी के बेटे स्व. सुंदरलाल तिवारी हराया था उसके बाद स्व. श्रीनिवास तिवारी के पोते और स्व. सुंदरलाल तिवारी के बेटे सिद्धार्थ तिवारी को 2019 में हराया था। हालांकि, सिद्धार्थ तिवारी ने विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी का दामन थाम लिया था और त्योंथर विधानसभा से विधायक हैं। 


 

सतना से गणेश सिंह रिपीट
सतना लोकसभा क्षेत्र से मौजूदा सांसद गणेश सिंह ही इस बार भी चुनाव में भाजपा का चेहरा होंगे। भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें पांचवीं बार सतना सीट से प्रत्याशी घोषित किया है। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए शनिवार को घोषित हुई भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची में सतना सीट से गणेश सिंह को ही एक बार फिर प्रत्याशी बनाए जाने का ऐलान किया गया है। सिंह वर्ष 2004 से लगातार सतना सीट पर जीत हासिल कर सांसद निर्वाचित होते आ रहे हैं। यह पांचवां मौका है जब वे भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी बनाए गए हैं।

अभी हाल ही में 2023 के मप्र विधानसभा चुनाव में भी उन्हें पार्टी ने सतना सीट से उम्मीदवार बनाया था लेकिन वे 4400 वोट से चुनाव हार गए थे। इस चुनाव में हार के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि भाजपा इस बार सतना सीट से चेहरा बदला जा सकता है। इन्हीं अटकलों ने भाजपा के अंदर दावेदारों के हौसले बुलंद कर दिए थे और लोगों ने टिकट पर अपना अपना दावा करना शुरू कर दिया था। लेकिन शनिवार को भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए गणेश सिंह के नाम पर मुहर लगा दी।
 इसलिए मिला टिकट
चार बार से सतना लोकसभा सीट से सांसद हैं। ओबीसी वर्ग के बड़े चेहरे, ओबीसी स्टैंडिंग कमेटी के चैयरमैन रहे हैं। सभी सात विधानसभा क्षेत्रों में समर्थकों की बड़ी तादाद और कार्यकर्ताओं की अपनी टीम है। सजातीय वोटों पर भी अच्छी पकड़ है।

सीधी से डॉ राजेश सिंह को मौका 
विंध्य के केवल सीधी लोकसभा सीट से भाजपा ने टिकट में बदलाव किया है। बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने २०२४ के लिए सीधी-सिंगरौली लोकसभा प्रत्याशी के रूप में डॉ. राजेश मिश्रा पर विश्वास जताया है।  इससे पहले इस सीट से दो बार रीति पाठक सांसद चुनी गई हैं। लेकिन साल २०२३ में रीति पाठक को सीधी विधानसभा क्षेत्र से टिकट दी गई। और वह विधायक का चुनाव जीत गईं। जिसके बाद उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया। 

दे दिया था त्यागपत्र
बताते चले की 2023 में डॉ. राजेश मिश्रा ने भाजपा मध्य प्रदेश कार्य समिति से त्यागपत्र दे दिया था। दरअसल राज्य विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट से उनका नाम गायब था. राजेश मिश्रा इस बार सीधी विधानसभा सीट से टिकट की आस लगाए बैठे थे. लेकिन पार्टी ने सीधी से रीति पाठक को उम्मीदवार बनाया यही वजह थी की टिकट न मिलने से नाराज राजेश मिश्रा ने त्यागपत्र देकर कहा कि पार्टी को मेरी आवश्यकता नहीं है. मैं बोझ बनकर काम कर रहा था। लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने नाराज डॉ. राजेश मिश्रा को लोकसभा सीट से टिकट देकर उनकी नाराजगी दूर कर दी है। 

शहडोल से हिमाद्री सिंह दोबारा प्रत्याशी 
मध्य प्रदेश के शहडोल संसदीय क्षेत्र से एक बार फिर सांसद हिमाद्री सिंह को 2024 में लोकसभा प्रत्याशी बनाया गया है. मोदी सरकार ने सांसद हिमाद्री सिंह पर एक बार फिर भरोसा जताया है. हिमाद्री सिंह लोकसभा चुनाव से पहले ही भाजपा में शामिल हुई थीं। इससे पहले वो कांग्रेस की सांसद थीं। भाजपा नेता नरेंद्र मरावी से शादी के बाद वह कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गईं थी।
बता दें कि हिमाद्री सिंह पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री दलबीर सिंह और पूर्व सांसद राजेश नंदिनी की बेटी हैं। हिमाद्री ने 2016 में कांग्रेस से शहडोल का उपचुनाव लड़ा था। लेकिन साल २०१९ के पहले वह भाजपा में शामिल हो गई थीं। जिसके बाद उन्हे बीजेपी ने पहली बार प्रत्याशी बनाया था। एक बार फिर भाजपा ने उनके नाम को आगे बढ़ाया है।