Rewa News: रीवा एसडीएम बोलीं- रियल और रील लाइफ में बहुत अंतर
राष्ट्रीय बालिका दिवस पर हुई संगोष्ठी; हमें खुद बेहतर बनना है, किसी की तरह नहीं: वैशाली जैन

रीवा। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में किया गया। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा छात्राओं का सम्मान किया गया तथा बालिकाओं के अधिकार एवं वर्तमान समय में किए गए प्रयास पर समझाइश दी गई।
नारी होने पर गर्व
मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती नीता कोल ने कहा कि उन्हें नारी होने पर गर्व है। घरेलू हिंसा में हमेशा पुरुषों की गलती नहीं होती कई बार महिलाओं की भी गलतियां पाई गई है क्योंकि कुछ लोग अपने घर पर बेटी और बहू में फर्क रखते हैं जिसके कारण ऐसी सामाजिक कुरीतियों बढ़ती जा रही है। एसडीएम हुजूर वैशाली जैन ने कहा कि रियल एवं रील लाइफ में बहुत अंतर है। हमें खुद बेहतर बनना है किसी की तरह नहीं।
बालिका सम्मान की शुरूआत स्वयं के घर से
आबकारी अधिकारी वीणा पयासी ने कहा कि बालिका का सम्मान की शुरुआत हमें स्वयं अपने घर से करनी चाहिए। सरोज गोस्वामी द्वारा बालिका सम्मान एवं भारतीय परंपरा इतिहास की जानकारी इस दौरान दी गई। गीता सेन द्वारा द्वारा बताया गया की प्राचीन काल में भी महिलाओं को समान अधिकार मिले। घरेलू हिंसा, समान पारिश्रमिक भुगतान, बाल विवाह के विषय में जानकारी दी गई।
ये रहे उपस्थित
कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास के सहायक संचालक आशीष द्विवेदी. प्राचार्य विभा श्रीवास्तव, अमरजीत सिंह, सरोज गोस्वामी, अंजना सिंह, गीता सिंह, आशुतोष द्विवेदी, एच जी आर त्रिपाठी, महेंद्र मनी द्विवेदी, देवाशीष बनर्जी, वर्षा खरे, एम के धौलपुरी अदिति अग्रवाल, रूचि तिवारी, अरविंद तिवारी, स्वाती श्रीवास्तव. क्षितिज तिवारी, रेखा चतुर्वेदी तथा दिव्या तिवारी सहित महाविद्यालय की छात्राएँ उपस्थित रहीं।