Rewa News: रोजाना औसतन हो रही 25-30 कुत्तों की मौत, तेजी से फैल रहा पार्वो वायरस

जर्मन शेफर्ड सहित अवारा कुत्तों पर ज्यादा असर

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रीवा। मौसम बदलने से पालतू कुत्ते पार्वो वायरस की चपेट में आ रहे हैं। इस बीमारी से कुत्तों की आंत में संक्रमण हो रहा है। बड़े जानवरों को इस वायरस से कोई खतरा नहीं, लेकिन छोटे जानवरों के लिए यह वायरस गंभीर खतरा पैदा कर रहा है। हालात इस तरह के हो गए हैं कि शहर में रोजाना औसतन 25-30 मौतें हो रही हैं, यदि जिले को बात की जाएगी तो यह कहना गलत नहीं होगा कि रोजाना पालतू व अवारा कुत्तों को मिलाकर डेढ़ सैकड़ा से अधिक कुत्तों की मौत हो रही है। 

यह आंकड़े पालकों की डरा तो रहे ही हैं इसके अलावा पालकों के लिए यह वॉयरस परेशानी का सबब भी बना हुआ है। बता दें कि समय पर इलाज नहीं मिलने से कुत्तों को खून की उल्टी हो रही है। पशु अस्पताल चाहे शासकीय हो चाहे प्राइवेट क्लीनिक में पार्टी वायरस के रोजाना आधा सैकड़ा से अधिक मामले आ रहे हैं। मौसम वदलने से सिर्फ इंसान ही नहीं, पालतू पशुओं की संचियत भी बिगड़ने लगी है। सबसे ज्यादा असर छोटे पालतू जानवरों पर पड़ गये है। पशु चिकित्सकों की माने तो जनवरी में मार्च के बीच मौसम पदानने में कुत्तों के लिए सबसे घातक पावी वायरस सक्रिय हो जाता है।

क्या है बीमारी के लक्षण
वायरस से पीड़ित कुत्ते के व्यवहार में अचानक बदलाव आ जाता है। बीमार पड़ने से पहले कुछ लक्षण नजर आते हैं। पशु चिकित्सकों के अनुसार जो जानवर पार्टी वायरस से प्रभावित होता है वह खाना-पीना अचानक से छोड़ देता है, उल्टी-दस्त शुरु होते हैं, फेन मुंह से निकलना, पेशाब में दुर्गध, पानी का ज्यादा पीना सहित कई ऐसे लक्षणों से आप आसानी से इस बीमारी का पता लगा सकते हैं, ऐसे लक्षण दिखने पर तत्काल चिकित्सकों से संपर्क करना चाहिए।

क्या है पार्वो वायरस
 आनवरों में तमाम तरह की संक्रामक बीमारियां होती हैं। इनमें कुत्तों में होने वाली चीमारियों में पायो वायरस बेहद घातक है। यह एक वायरल बीमारी है और समय पर उपचार न मिलने से जानवरों की मौत तक 5 से जाती है। वावरस से कुत्तों को बचाने के लिए तीन टीके लगाए जाते हैं। इनमें पहला टीका पिल्ले को डेढ़ महीने की उम्र में, दूसरा ढाई और तीसरा टीका माढ़े तीन महीने की उम्र में लगाया जाता है। पायो वायरस से प्रभावित कुते की आंतों में गंभीर संक्रमण हो जाता है।