Rewa News: रीवा में फर्जी बैंक गारंटी मामले में जिला आबकारी अधिकारी सहित अन्य पर एफआईआर
ईओडब्लू ने जांच उपरांत दर्ज किया आपराधिक प्रकरण, मचा हड़कंप

रीवा। अपनी कारगुजारियों के लिए आबकारी विभाग आए दिन सुर्खियां बटोरता है। फर्जी परमिट जारी कर शराब का अवैध परिवहन करवाना हो या फिर अपने लाभ के लिए सरकार को चूना लगाना हो। सभी कामों में आबकारी विभाग के अधिकारी पूरी तरह से माहिर हैं। अब इस फर्जीवाड़े में उनकी गर्दन फंस गई है जिसमें आबकारी विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण कायम किया गया है।
बताया गया है कि आबकारी विभाग का फर्जी बैंक गारंटी का मामला काफी सुर्खियों में रहा है। शराब दुकानों का ठेका लेने के बदले ठेकेदारों ने सिंगरौली के बैंकों से फर्जी गारंटी बनवाकर पेश की थी जिसमें शासन को राजस्व का काफी ज्यादा नुकसान हुआ था। आबकारी विभाग के अधिकारियों ने अपने स्वार्थों की वजह से ठेकेदारों के इस फर्जीवाड़े पर पर्दा डाला और उनसे मोटी रकम ऐंठ ली। मामला अधिक दिनों तक नहीं छिप पाया और पूरा फर्जीवाड़ा सामने आ गया।
बताया गया है कि इसकी शिकायत समाजसेवी बीके माला ने की थी जिसमें दस करोड़ रुपए के फर्जी बैंक गारंटी का आरोप लगाया गया था। ईओडब्लू ने पूरे मामले को जांच में लिया। जांच में फर्जी बैंक गारंटी का मामला सही निकला। आबकारी विभाग के अधिकारियों ने अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाने से भी परहेज नहीं किया। जांच उपरांत शुक्रवार 28 मार्च को ईओडब्लू ने जिला आबकारी अधिकारी अनिल जैन सहित अन्य पर अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है।
जांच में बढ़ सकती है आरोपियों की संख्या
फर्जी बैंक गारंटी मामलें में आरोपियों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ने लगी है। अभी तक प्रथम दृष्टया आबाकारी विभाग के अधिकारियों सहित कुछ अन्य के खिलाफ एफआईआर हुई है लेकिन जांच में आरोपियों की संख्या बढ़ने वाली है। फर्जी बैंक गारंटी जारी करने में जिन-जिन लोगों की भूमिका रही होगी उन सभी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इससे अब इस फर्जीवाड़े में शामिल लोग भी डरे हुए हैं।
फर्जी परमिट जारी कर भेजी जा रही थी शराब, प्रशासन ने किया था जब्त
आबकारी विभाग का गुरुवार को एक फर्जी परमिट जारी कर शराब का परिवहन करने का खेल भी सामने आया था। इस खेल में आबकारी विभाग के अधिकारी शामिल थे। ट्रक में जयस्तंभ, झिरिया व मनगवां शराब दुकान की परमिट थी लेकिन ट्रक चालक पूरी शराब लेकर मनगवां दुकान जा रहा था।
पुलिस ने रायपुर कर्चुलियान थाने में रोक तो वहां पर जिला आबकारी अधिकारी अनिल जैन ट्रक को छुड़ा ले गए। बाद में एसडीएम व तहसीलदार ने मनगवां शराब दुकान में ट्रक को पकड़ लिया। उसमें तीन दुकानों की परमिट तो थी लेकिन जब जयस्तंभ, झिरिया की दुकान पहले पड़ती है तो वहंा की शराब मनगवां क्यों ले जाई जा रही थी। सारी शराब को जब्त कर लिया गया है। अब पूरे प्रकरण को खुद कलेक्टर ने संज्ञान में ले लिया है और एसडीएम ने प्रकरण उनके सामने पेश कर दिया है जहां एक बार फिर आबकारी अधिकारियों की गर्दन फंस सकती है।