Rewa News: रीवा के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में शुरू हुई एफएफआर सेवा, विन्ध्य के मरीजों को इलाज में मिलेगी सुविधा

 एसजीएमएच में एजियोग्राफी में हार्ट की समस्या का पता नहीं लगने पर महिला मरीज की एफएफआर जांच की गई 

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रीवा। रीवा श्यामशाह मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में हृदय रोग विभाग के चिकित्सकों ने एक नई स्वास्थ्य सेवा की शुरुआत की है, जिससे उन मरीजों को राहत मिलेगी जिनकी स्वास्थ्य समस्याओं का पता एजियोग्राफी से नहीं लग पाता था। पहले ऐसे मरीजों को जांच के लिए रीवा से बाहर जाना पड़ता था, अब कार्डियोलॉजी विभाग ने फ्रे क्शनल फ्लो रिजर्व की सेवा शुरू की है। यह तकनीक कोरोनरी धमनियों  में मध्यम गंभीरता के रुकावटों का सटीक मूल्यांकन करने में काफी कारगर है। हाल ही मे, एक 60 वर्षीय महिला मरीज की एफएफआर जांच पूरी की गई है।

एफएफआर सेवा हार्ट की प्रमुख समस्याओं की सटीक जानकारी प्रदान करती है, जो उन मरीजों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं जिनके एंजियोग्राम में कोरोनरी स्टेनोसिस की गंभीरता स्पष्ट नहीं होती। सूपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभााग के डॉक्टरों ने इस सुविधा को शुरू करने के लिए प्रयास किए, जिसमें उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने संसाधन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. सुनील अग्रवाल और सुपर स्पेशलिटी के अधीक्ष डॉ. अक्षय श्रीवास्तव के सहयोग से यह सुविधा शुरू की गई है। 


नवाचार में रीवा आगे
रीवा का कार्डियोलॉजी विभाग प्रदेश के अन्य मेडिकल विभाग प्रवेश के अन्य मेडिकल मॉलेजों की तुलना में नवाचार मेें आगे है। सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल काडियोलॉजी विभाग, जिसका नेतृत्व डॉ. वीउी त्रिपाठी और सहायक प्राध्यापक डॉ. एसके त्रिपाठी कर रहे हैं, ने कई जटिल प्रक्रियाएं सफलतापूर्वक पूरी की हैं, जिससे मरीजों की जान बचाई जा रही है। इन सेवाओं के चलते रीवा से हार्ट के मरीजों के महानगरों में जाने की संख्या में कमी आई है, और अब महानगरों की तरह रीवा में भी उन्नत कार्डियोलॉजी सेवाएं उपलब्ध हैं

 

हमारा लक्ष्य है कि मरीजों को सबसे उन्नत और सटीक चिकित्सा सेवाएं मिलें। एफएफआर की शुरुआत से हमें विश्वास है कि हम हृदय रोग के निदान और उपचार में एक नया मानक स्थापित करेंगे। अब इसके लिए मरीजों को बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी ।
- डॉ. वीडी त्रिपाठी, विभागाध्यक्ष- कार्डियोलॉजी, रीवा