Rewa News: डॉ. चंद्रिका चंद्र के ‘का कही का न कही’ एवं गीता शुक्ला गीत के ‘केतने कुरुक्षेत्र’ का हुआ विमोचन

गुड मॉर्निंग डिजिटल। रीवा। बघेलखण्ड सांस्कृतिक महोत्सव समिति और बघेली सेवा मंच रीवा के संयुक्त आयोजन में सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ.चन्द्रिका ‘चन्द्र’ के सद्यह प्रकाशित निबन्ध संग्रह ‘‘का कही का न कही’’ तथा श्रीमती गीता शुक्ला ‘गीत’ के बघेली लघु कथा संग्रह ‘केतने कुरुक्षेत्र’ का विमोचन पूर्व कुलपति अ.प्र.सिंह वि.वि.रीवा के प्रो.एन.पी.पाठक एवं प्रो.दिनेश कुशवाह के
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Rewa News: डॉ. चंद्रिका चंद्र के ‘का कही का न कही’ एवं गीता शुक्ला गीत के ‘केतने कुरुक्षेत्र’ का हुआ विमोचन

गुड मॉर्निंग डिजिटल।
रीवा। बघेलखण्ड सांस्कृतिक महोत्सव समिति और बघेली सेवा मंच रीवा के संयुक्त आयोजन में सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ.चन्द्रिका ‘चन्द्र’ के सद्यह प्रकाशित निबन्ध संग्रह ‘‘का कही का न कही’’ तथा श्रीमती गीता शुक्ला ‘गीत’ के बघेली लघु कथा संग्रह ‘केतने कुरुक्षेत्र’ का विमोचन पूर्व कुलपति अ.प्र.सिंह वि.वि.रीवा के प्रो.एन.पी.पाठक एवं प्रो.दिनेश कुशवाह के प्रमुख आतिथ्य तथा अमोल मिश्र बटरोही की अध्यक्षता में रीवा शहर के न्यू बसस्टेन्ड स्थित समदड़िया होटल के विशाल सभागार मे सम्पन्न हुआ।

Rewa News: कार्यक्रम का संचालन प्रथमसत्र का भृगुनाथ पाण्डेय ‘भ्रमर’ एवं द्वितीय सत्र का सूर्यमणि शुक्ल ने किया। सर्वप्रथम द्वीप प्रज्वलन के बाद अतिथियों का स्वागत जगजीवनलाल तिवारी एवं भृगुनाथ पाण्डेय भ्रमर ने किया। विमोचन अवसर पर पुस्तक की विषय वस्तु एवं संदर्भ की प्रासंगिकता पर वक्ताओं तथ्यपरक विवेचना किया और लगातार श्रोताओं को बांधे रखा।

Rewa News: वरिष्ठ पत्रकार जयराम शुक्ल ने कहा कि आज गुरुनानक देव का जन्म दिन है जिन्होने शब्द की सत्ता को ईश्वरीय रूप दिया चन्द्र जी हमारे देश के साहित्य कलश हैं। इनके जैसे शब्द साधक समाज के पथप्रदर्शक बनकर आलोचना सहते हुए भी विसंगतियों को त्यागने और संगत का समावेश करने के लिए सदैव समाज को जागृत करते हैं। इन्होने संघनाश स्वीकार किया किन्तु बुद्धिनाश कभी स्वीकार नहीं किया। दंभ का जबाव विनयशीलता से देने की कला चन्द्र जी का स्वभाव है। गीता शुक्ल की लघु कथायें विसंगतियों को उंगली दिखाती हैं।

Rewa News: डॉ. चंद्रिका चंद्र के ‘का कही का न कही’ एवं गीता शुक्ला गीत के ‘केतने कुरुक्षेत्र’ का हुआ विमोचन

Rewa News: डॉ.लालजी गौतम ने कहा कि गीता शुक्ला की नायिकायें आत्महत्या नहीं करती बल्कि सामने खड़ी रहकर तर्क करती हैं। लघु कथाओं में द्वन्द का चित्रण इसे अमरता देता है। चन्द्र जी के निबन्ध के शीर्षक प्रवेशद्वार पर लाठी लेकर खड़े मिलते हैं। चन्द्र जी ईश्वर से, परम्पराओं से समाज हित में सबाल करते हैं। हजारी प्रसाद द्विवेदी के मानवतावाद से चन्द्र जी के मनुष्यतावाद तक एक साथ पक्ष है इनमें कवीर भी है, तुलसी भी हैं।

Rewa News: डॉ. दिनेश कुशवाह ने चन्द्र जी के निबन्धों को महाबीर प्रसाद द्विवेदी, विद्यानिवास मिश्र, आचार्य रामचन्द्र शुक्ल आदि साहित्यकारों की परम्परा के बताया। इनका निबन्ध संग्रह आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के चिन्तामणि की तरह है, ये देवताओं पर बहुत कुपित हैं, इनके निबंधों में मनुष्य जाति की चिंता है, विकलता है। पुनरुक्ति भले ही असहज लगे किन्तु कार्य सिद्धि तक बहुत उचित है। गीता शुक्ला की लघु कथायें बघेली के साथ न्याय करती हैं।

Rewa News: डॉ.चन्द्र जी ने जयराम शुक्ल के योगदान को अविस्मरणीय बताया चरैवेति के संपादक के रूप में भी उन्होने बड़ा योगदान दिया। उनकी प्रेरणा से निबन्ध एवं अन्य सारा लेखन कि इच्छाशक्ति जगी, जहां भी रहा साथियों का सहयोग संजीवनी का काम करता रहा। मित्र शिवाला जी के पुत्र आशीष का भी बहुत शुक्रगुजार हूं।

Rewa News: डॉ.एन.पी.पाठक ने कहा कि मनुष्य, मनुष्य होता है। निबंध एक बौद्धिक विधा है, निबंधकार की जो ओजश शक्ति है वह चन्द्र है जब तक आप भीरुता के साथ हैं तो सच नहीं लिख सकते। समाज के रीति रिवाजों, शाश्वतता, निरंतरता को जाने, निकट से अध्ययन करें, महसूस करे तब जाकर हम सत्य को चिन्हित कर लिख पायेगें। डॉ.चन्द्र जी इसके उदाहरण हैं। प्रत्येक निबन्ध में आन्दोलनकारी निष्कर्ष हैं।

Rewa News: डॉ.अमोल बटरोही ने विनोदपूर्ण लेकिन भाबुक लहजे में डॉ.चन्द्र की कृति को कालजयी कहा। ये सभी निबन्ध समाज की वास्तविक पीड़ा का चित्रण हैं निश्चित ही ललित निबंध हैं। डॉ.आर.जी.पाण्डेय विकल ने गीता शुक्ला की लघ कथाओं की विवेचना करते हुए कहा कि ये समाज को संदेश देती हैं, प्रश्न उठाकर समाज को उत्तर देने के लिए बाध्य करती हैं। चन्द्र जी की स्पष्टवादिता और निबंध का सामंजस्य अद्भुत है।

Rewa News: रामसहाय मिश्र एवं रामनरेश तिवारी ‘निष्ठुर’ ने चन्द्र जी को युग प्रवर्तकों की श्रेणी में रखकर कहा कि समाज को विनम्रता के साथ चेतना देने का अद्भुत साहस चन्द्र जी मे है। आभार प्रदर्शन जगजीवनलाल तिवारी ने किया। Rewa News: Dr. Chandrika Chandra’s ‘Ka Ka Kahi Ka Na Kahi’ and Geeta Shukla’s song ‘Ketane Kurukshetra’ released.

Rewa News: इस अवसर पर रीवा, सीधी, सतना, चाकघाट, त्योथर, मउगंज के साहित्यकारों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही जिनमें भोलानाथ मिश्र, सुभाष पाण्डेय, इन्दिरा अग्निहोत्री, शशि शुक्ला, नवेन्दु शुक्ल, आशीष त्रिपाठी, डॉ.अभय मिश्रा, राजेन्द्र राजन रामपुर नैकिन, सुधाकांत बेलाला, ओमप्रकाश मिश्र व्यथित, डॉ.राममनोज द्विवेदी, ओमप्रकाश मिश्र कथाकार, डॉ.विवेक द्विवेदी, मुकुन्द मिश्रा, मनोकामना तिवारी, डॉ.कैलाश तिवारी, शशि पाण्डेय, पवन तिवारी, शेषमणि शुक्ला, उमेश विहान, अमित द्विवेदी, योगेश त्रिपाठी, मैथलीशरण शुक्ल, नारायण डिगवानी, भारतेन्दु मिश्रा, वेणीमाधव मिश्रा, रमेशचन्द्र मिश्रा, सत्येन्द्र सजग आदि साहित्यकारों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।