Super Speciality Hospital: नागपुर में चल रहे इलाज को छोड़ रीवा के डॉक्टर्स पर किया भरोसा, सही निकला फैसला

कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर एस के त्रिपाठी ने रोटेब्लेटर तकनीकि से किया जटिल प्रोसीजर

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sk tripathi

रीवा का सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल नित नए कीर्तिमान गढ़ रहा है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की कड़ी मेहनत से अब यह हॉस्पिटल मध्यप्रदेश के गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में से सबसे पहले रोटेब्लेटर करने वाला इंस्टीट्यूट बन गया है। जानकारी के अनुसार इस तकनीकी से अभी तक मध्य प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल में हार्ट की सर्जरी नहीं की गई थी।


नागपुर का छोड़ा इलाज
इस तकनीकी की जानकारी देते हुए हॉस्पिटल के मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ एस के त्रिपाठी ने बताया कि एक 57 साल के बुजुर्ग मेरे पास अपनी एक नागपुर से चल रहे इलाज की फाइल लेकर आए और बोलने लगे की एंजियोग्राफी तो हमने नागपुर में करा ली पर एंजियोप्लास्टी के लिए सिर्फ आप पर भरोसा है।


99 प्रतिशत था ब्लॉकेज
डॉक्टर के अनुसार रिपोर्ट देखने पर पता चला कि उनके एक दिल की नस 99% बंद थी और उसमे कैल्शियम का बहुत ज्यादा जमाव था। ऐसे में सामान्य एंजियोप्लास्टी कर पाना असम्भव होता है। इन केसेस में कैल्शियम को रिमूव करने की एक स्पेशल पद्धति का प्रयोग किया जाता है जिसे रोटेब्लेटर कहते हैं। 

अब स्वस्थ्य है मरीज
डॉ एस के त्रिपाठी ने बताया कि मरीज का मुझसे इतना विश्वास देखकर मैंने यह चैलेंज अपने ऊपर लिया और रोटेब्लेटर मशीन का बंदोबस्त किया। 3 घंटे के जटिल प्रोसीजर के बाद जो रिजल्ट निकल के आया उसकी उम्मीद मुझे खुद न थी। दिल की नस पूर्ण रूप से सामान्य हो गई और मरीज बायपास सर्जरी से बच गया। 

इनका रहा सहयोग
यह प्रोसीजर बिना टीम वर्क के हो पाना असम्भव था। इस नामुमकिन से लगने वाले प्रोसीजर को मुमकिन बनाने में कैथलैब टेक्नीशियन जय नारायण मिश्र, सत्यम, सुमन, मनीष, सुधांशु, फैजल, नर्सिंग स्टाफ एवं रोटेब्लेटर टेक्नीशियन गौरव की अहम भूमिका थी।