Singrauli News: 300 घरों के मुआवजा के सवाल पर बैठक में हुआ हंगामा, दो संगठनों में तू-तू मैं-मैं

विवाद एवं तनाव को देखते हुए एसवीएम की मीटिंग को किया गया स्थगित

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 सिंगरौली। मोरवा विस्थापन को सिंगरौली विस्थापन मंच की आम जन सभा अग्रवाल धर्मशाला में आयोजित की गई। जिसमें एसवीएम के अध्यक्ष दधिलाल सिंह, वीरेन्द्र गोयल, ललित श्रीवास्तव, मनोज कुलश्रेष्ठ, मास्टर के.के. जायसवाल, डीके सिन्हा, प्रदीप गुप्ता सहित सैकडो की संख्या में स्थानीय विस्थापन से प्रभावित हो रहे लोग मौजूद रहे।

बैठक के दौरान सिंगरौली विकास मंच के पदाधिकारियों के संबोधन के बाद लोगो का सुझाव लिया जा रहा था। इसी बीच में ही सिंगरौली पुर्नस्थापन मंच के लोगो ने मेढ़ौली वार्ड क्रमांक 10 के करीब 300 घरो के मुआवजा अधर में लटकने के सवाल पर तूतू मैमै शुरू हो गयी। जिससे कार्यक्रम में विवाद एवं तनवा की स्थित को देखते हुए बीच में ही स्थगित करना पड़ा।

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एसवीएम के पदाधिकारियो का कहना था कि एनसीएल की टीआईएसएस कंपनी द्वारा नापी को करने दिया जाय जिससे पता चलेगा की कितना कुल क्षेत्र के कितने लोग विस्थापित हैं और कितने प्रभावित। यदि इसमें कोई अनियमिता बरती जाती है एसवीएम जनता के साथ है। डाकुमेन्ट जो मांगा जायेगा उसको भी तैयार कर रखना होगा। उसमें कई डाकूमेन्ट मांगा गया है। आधार कार्ड समग्र आईडी कई लोगो के तैयार नही जिसे तैयार करना होगा। एनसीएल प्रबंधन बहुत कुछ लिखित में नही देना चाहता है लेकिन हम लोगो ने बहुत कुछ लिखित में लिया है। अभी तक हर वार्डो के अलग अलग रेट कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार बनी थी।

लेकिन एनसीएल प्रबंधन के सामने बात रखने पर प्रबंधन ने यह बात मान लिया है कि एक से 11 वार्ड में जो अधिकतम रेट होगा वही सभी वार्डो में दिया जायेगा। ललित श्रीवास्तव ने भी सभा को संबोधित करते हुए विस्थापन मुद्दे पर एनसीएल मंशा को विधिवत जनता के सामने रखा।

गौरतलब है कि एनसीएल द्वारा जयंत एवं दुधीचुआ खदान विस्तार के लिए मोरवा क्षेत्र में करीब 1485.66 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण के लिए धारा 9 लगाने के बाद जिला प्रशासन, एनसीएल सिंगरौली टीआईएसएस मुंबई की  संयुक्त टीम द्वारा भूमि और संपति का भौतिक सर्वेक्षण किया जाना है। इस मौके पर सिंगरौली पुर्नस्थापना मंच के अध्यक्ष सत्तीश उप्पल, राजेश सिंह, शेखर सिंह, विनोद सिंह कुरूवंशी सहित कई लोग मौजूद रहे। विस्थापन एवं नापी के सवाल पूछने पर दोनों पक्षों में विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई। एसपीएम ने एसवीएम पर एनसीएल प्रबंधन के साथ सांठ गांठ का आरोप लगाने लगे, जिससे मामला बिगड़ते देख वहां से एक एक करके लोग खिसकने लगे। किसी तरह वहां मौजूद वरिष्ठ लोगों ने दोनों पक्षों के लोगों को हटाया जिसके बाद इस सभा को स्थगित करना पड़ा।