Shahdol-Singrauli News: ग्लोबल सहकार कंपनी का फर्जीवाड़ा, खराब गाड़ी के नाम से छह दिन में जारी की 16 टीपी
कलेक्टर-एसपी से शिकायत के बाद भी कंपनी पर नहीं हुई कार्रवाई, निर्दोष होने के बाद भी गाड़ी मालिक से वसूला जुर्माना

सीएम-सीएस के निर्देश हवा में, फर्जी टीपी काटने वालों पर नहीं हो रही कार्रवाई
शहडोल/सिंगरौली। प्रदेश में रेत का अवैध परिवहन करने में निजी कंपनियां जमकर फर्जीवाड़ा कर रही हैं। खासतौर पर विंध्य क्षेत्र में तो यह सबसे ज्यादा चल रहा है। यहां फर्जी टीपी के सहारे सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है। यह स्थिति तब है, जब मुख्य मंत्री से लेकर मुख्य सचिव तक भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दे रहे हैं।
खास बात यह है कि जिन्हें कार्रवाई करना है, उन्हें तमाम सबूत होने के बाद भी यह फर्जीवाड़ा नजर नहीं आ रहा है। ऐसा ही एक मामला उमरिया जिले का सामने आया है। यहां पर एक कंपनी ने खराब पड़ी हाइवा की छह दिनों में 16 बार टीपी काट दी। यह टीपी शहडोल और सिंगरौली के लिए जारी की गई थी।
खास बात यह है कि मोटर मालिक को इसकी जानकारी ही नहीं थी। जब गाड़ी बनकर आई और चेक पोस्ट पर जांच की गई तो कंपनी के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। इसकी शिकायत मोटर मालिक ने कलेक्टर से लेकर पुलिस अधीक्षक उमरिया से की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। मजबूरी में मोटर मालिक को उस गलती के लिए साढ़े चार लाख का जुर्माना भरना पड़ा, जो उसने किया ही नहीं। हालांकि अभी भी गाड़ी छुड़ाने के लिए उसे भटकना पड़ रहा है।
22 जून को गाड़ी खराब हुई, तो मानपुर थाने में दिया आवेदन
मोटर मालिक मनीष सिंह ने बताया कि उनकी गाड़ी 22 जून को टीपी क्रमांक 7172804632 पर सुबह 3.45 बजे हाइवा यूपी-63 बीपी 1655 झारिया प्राइवेट लिमिटेड उमरिया के लिए रेत लोड करके जा रही थी। मेरी गाड़ी ताला मोड़ बांधवगढ़ के पास सुबह 8 बजे खराब हो गई।
गाड़ी खराब होने की सूचना कर्मचारी द्वारा अशोक ली-लैण्ड कंपनी के अधिकृत वर्कशॉप डीलर अनिल मोटर कटनी को उसी दिन दोपहर 12.42 मिनट पर दी गई। इसके अलावा मानपुर थाने में भी शिकायती आवेदन दिया गया। गाड़ी को सुधरने में एक माह और एक दिन का समय लग गया। 22 जून को खराब हुई गाड़ी 23 जुलाई को कपलीट हुई।
चौकी में जब्त गाड़ी का भी काट दिया टीपी
फर्जीवाड़े का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मोटर मालिक ने जब माइनिंग विभाग उमरिया में संपर्क किया गया, तो उसे एक नोटिस थमा दिया गया। इसमें जुर्माने की राशि का उल्लेख किया गया था। यह भी उल्लेख किया गया है कि गाड़ी वन विभाग की चौकी में खड़े होने के बाद भी 25 जुलाई को ग्लोबल सहकार द्वारा टीपी काटी गई है।
ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
मनीष सिंह ने बताया कि गाड़ी बनने के बाद ग्लोबल सहकार कम्पनी के ब्यौहारी ऑफिस में सूचना दी गई। कंपनी द्वारा बोला गया कि टीपी के साथ मेरी कंपनी का दिया गया लेटर एवं ली-लैण्ड कंपनी के द्वारा दिया गया बिल लगाकर गाड़ी को उमरिया भेज दीजिए।
उमरिया जा रही गाड़ी को घमोखर वन चेक पोस्ट पर रोका गया और कागजात की जांच की गई। चेक पोस्ट इंचार्ज द्वारा मोबाइल से ऑनलाइन गाड़ी के नाम से टीपी सर्च की तो पता चला कि सहकार ग्लोबल कंपनी द्वारा मेरी गाड़ी नंबर से 22 जून से लेकर 28 जून तक 16 बार टीपी काटी गई है।
इसमें 13 टीपी शहडोल जिले की एवं 3 टीपी सिंगरौली जिले में अपने ही स्टॉक में ग्लोबल सहकार द्वारा काटी गई। चेक पोस्ट इंचार्ज द्वारा बोला गया कि अगर आपकी गाड़ी खराब है, तो खदान से टीपी कैसे कट रही है। इसके बाद पंचनामा बनाकर गाड़ी को चौकी में खड़ा कर लिया गया। बाद में इसे खजिन विभाग को सौंप दिया गया।
कंपनी ने झाड़ा पल्ला, जुर्माना भी जमा कराया
इसके बाद मनीष सिंह के भाई धु्रव सिंह कंपनी के ब्यौहारी ऑफिस गये और इसके बारे में पूरी जानकारी दी। हालांकि यहां भी कंपनी के कर्मचारियों ने अपनी गलती मानने की जगह जुर्माने की राशि 4,60000 रुपए जमा करने की बात कह दी। गलती नहीं होने के बाद भी मुझसे जुर्माने की राशि जमा कराई गई।
साथ में भरोसा दिलाया कि आपका पैसा लौटा दिया जाएगा। इसके 4.58 हजार रुपए खजिन विभाग में जमा किए गए। जिसकी रशीद भी मेरे पास है। परिवहन विभाग के 22 हजार रुपए अलग से जमा करना शेष है। छह अगस्त को जुर्माना जमा नहीं होने के कारण परिवहन विभाग द्वारा मेरी गाड़ी वर्तमान समय तक नहीं छोड़ी गई है।
इनका कहना है-
आप जिस मुद्दे की बात कर रहे हैं, वह हमारी जानकारी में नहीं है, लेकिन फर्जी टीपी बनाया जाना संभव नहीं है।
- कल्याण सिंह, मैनेजर ग्लोबल सहकार