Shahdol News: अस्पताल प्रबंधन ने शव वाहन देने से मना किया तो बाइक में 13 वर्षीय बेटी का शव लेकर निकल पड़ा बेबस पिता

मामले की जानकारी लगते ही प्रशासन में मचा हड़कंप, कलेक्टर ने रोककर कराया इंतजाम

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सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने के बड़े-बड़े दावे और वादे करती हैं लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है। शहडोल से आ रही एक खबर किसी को भी झकझोर देगी। दरअसल जिला अस्पताल के शव वाहन देने से मना करने के बाद पिता ने 13 वर्षीय बेटी का शव बाइक पर रखकर 70 किलोमीटर दूर अपने गांव के लिए निकला। लोगों की सुविधाएं बढ़ाने और विकास की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले नेताओं के लिए यह एक तमाचा है।


जानकारी के अनुसार पिता ने जिला अस्पताल से शव वाहन की मांग की थी लेकिन प्रबंधन ने उनकी मांग को यह कहते हुए ठुकरा दी किस शव वाहन केवल 15 किलोमीटर तक के लिए ही दिए जाते हैं आप अपनी व्यवस्था स्वयं करें कोई निजी वाहन कर ले। बेबस पिता के पास प्राइवेट वाहन करने के लिए पैसे नहीं थे जिसके बाद वह बाइक में ही बेटी का शव लेकर गांव की ओर निकल पड़ा।

इधर मामले की जानकारी लगते ही पूरे प्रशासन में हड़कंप मच गया आनन-फानन में देर रात कलेक्टर और जिला अस्पताल के सिविल सर्जन ने तत्काल रास्ते में रोक कर शव वाहन का इंतजाम कराया।

बताया जा रहा है कि जिले की केशवाही क्षेत्र के कोटा गांव में रहने वाले लक्ष्मण सिंह की 13 वर्षीय बेटी माधुरी सिकलसेल से पीड़ित थी उसके शरीर में खून की कमी थी उपचार के दौरान रात में उसकी मौत हो गई। लेकिन जब लक्ष्मण ने अस्पताल प्रबंधन से शव वाहन की मांग की उसे मना कर दिया गया। हालांकि बाइक में शव रखकर 3 किलोमीटर आगे निकलते ही राहगीरों ने इसकी सूचना प्रशासन तक पहुंचाई आनन-फानन में जिला कलेक्टर मौके पर पहुंची और उसे रुकवा कर शव वाहन का इंतजाम कराया गया बताया जाता है कि इस दौरान पीड़ित को पास के होटल में कलेक्टर के द्वारा भोजन भी कराया गया।