Rewa Politics: कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे स्व. श्रीनिवास तिवारी के पोते सिद्धार्थ 'हाथ' छोड़कर थामेंगे 'कमल दल'!

त्योंथर से टिकट न मिलने पर बगावत की अटकलें, सोशल मीडिया से हटाया 'कांग्रेस'

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गुड मॉर्निंग, रीवा। वर्षों तक रीवा की राजनीति का केंद्र रहा अमहिया अब कांग्रेस के हाथ से छूटता नजर आ रहा है। चर्चा है कि कांग्रेस के कद्दावर नेता पूर्व विस अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के पोते ने बगावत का रास्ता अख्तियार कर लिया है। वह भाजपा के संपर्क में हैं। जल्द ही कांग्रेस से हाथ छुड़ाकर भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इतना ही नहीं. भाजपा की टिकट से त्योंथर में चुनाव में जल्द ही वह भाजपा की सदस्यता लेकर मैदान में भी उतर सकते हैं।

राष्ट्रीय अध्यक्ष से सदस्यता लेने की अटकलें 
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस को अलविदा कहने के बाद सिद्धार्थ तिवारी राज भाजपा का दामन थाम सकते हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष से सदस्यता दिलाए जाने की अटकलें चल रही हैं। इतना ही नहीं, भाजपा में सिद्धार्थ को एन्ट्री त्योंथर से टिकट के आधार पर कराई जाएगी। सूत्रों की मानें तो त्योंथर में सिद्धार्थ के मैदान में उतरने से कांग्रेसियों को बड़ा झटका लगेगा। पूर्व विस अध्यक्ष स्व. श्रीनिवास तिवारी का तराई में गहरी पैठ रही है। हर घर में उनके वोटर मौजूद हैं। ऐसे में सिद्धार्थ को इसका फायदा मिलेगा। भाजपा वोट जो मिलेंगे वह अलग।


विंध्य में कांग्रेस में टिकट वितरण कदम से विंध्य में कांग्रेस को झटका के पहले ही बागवत के सुर फूट पड़े हैं। विंध्य के सफेद शेर कहे जाने वाले श्रीनिवास तिवारी के घर से ही कांग्रेस टूटने लगी है। कांग्रेस विधायक सुंदरलाल तिवारी के बेटे सिद्धार्थ तिवारी बगावत का फुल मूड बना चुके हैं। कहा जा रहा कि सिद्धार्थ तिवारी राज ज्योतिरादित्य सिंधिया के जरिए बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं। बता दें कि बाबा व पिता की मौत के बाद स्व. सुंदरलाल तिवारी के बेटे सिद्धार्थ सिद्धार्थ तिवारी ने ही मोर्चा सम्हाल रखा था। बताया जा रहा है कि सिद्धार्थ को आशंका थी कि कांग्रेस त्योंथर से उनको टिकट नहीं देगी। जिसके बाद वह सीधे दिल्ली गए और अब उन्होंने पार्टी छोड़ने  का मन बना लिया है। सूत्रों की मानें तो बगावत से भाजपा फायदा तो कांग्रेस को क्षति उठनी पड़ सकती है।

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दादा स्व. श्रीनिवास तिवारी व पिता स्व. सुंदरलाल तिवारी के साथ किशोर अवस्था के सिद्धार्थ तिवारी


सोशल मीडिया एकाउंट से हटाया कांग्रेस
सिद्धार्थ तिवारी राज ने अपने बगावती तेवर दिखाने पहले ही शुरू कर दिए थे। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया एकाउंट से भी सभी को हिंट दिया सोशल मीडिया एकाउंट से भी उन्होंने कांग्रेस शब्द हटा दिया। पहले सिद्धार्थ कांग्रेस लिखा हुआ था। बाद में कांग्रेस हटा कर सिद्ध विध्य कर दिया। सोशल मीडिया में उनका स्टेटस जमकर वायरल हो रहा है।

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लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं राज 
ऐसा नहीं है कि कांग्रेस ने सिद्धार्थ को कभी मौका नहीं दिया। साल २०१९ में पिता सुंदरलाल तिवारी के निधन के बाद कांग्रेस ने रीवा लोकसभा सीट से सिद्धार्थ तिवारी राज को अपना प्रत्याशी बनाया था। कांग्रेस को उम्मीद थी कि दादा व पिता के निधन के बाद उन्हे सांत्वना के वोट मिलेंगे लेकिन पहली बार चुनाव लड़ रहे राज को बड़ी पराजय का सामना करना पड़ा था।

यह है नाराजगी की वजह
दरअसल सिद्धार्थ विधानसभा चुनाव में त्योंथर से मैदान में उतरना चाह रहे थे। यहीं से अब तक तैयारी कर रहे थे। जनसंपर्क में लगे हुए थे। अचानक उन्हें त्योंथर से गुढ़ विधानसभा भेजने का पार्टी ने निर्णय ले लिया। उन्हें गुढ़ में प्रचार प्रसार करने का निर्देश दे दिया। साथ ही उनकी नाराजगी की भरपाई के लिए कांग्रेस का महामंत्री भी बना दिया। इससे भी उनकी नाराजगी दूर नहीं हुई। विधानसभा क्षेत्र बदले जाने के कारण उनके समर्थकों ने पहले बगावत की। गुढ़ से कई कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दे दिया एमआईसी सदस्य नगर निगम स्वतंत्र शर्मा ने भी अपने नेता सिद्धार्थ तिवारी राज की सीट बदले जाने को लेकर इस्तीफा दे दिया है। 

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प्रदेश कांग्रेस नेताओं के साथ सिद्धार्थ तिवारी राज