Rewa News: रीवा के युवाओं ने पेश की मिसाल, जन्मदिन के मौके पर युवक ने दोस्त के साथ मेडिकल कॉलेज में किया देहदान

युवा दधीचियों ने कहा- इस प्रकार से हम मर कर भी कई इंंसानों में रह सकेगें जिंदा 

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रीवा श्याम शाह मेडिकल कॉलेज का एनाटॉमी विभाग 1 अगस्त को चर्चा का विषय रहा। यहां जन्मदिन के मौके पर एक युवक ने देहदान किया है। उसके साथ आए दोस्त ने भी गिफ्ट में अपना शरीर दान करने की रजिस्ट्री कराई है। धरती के नए दो दधीचियों की हिम्मत देख मेडिकल कॉलेज के डीन ने ऑडिटोरियम में कार्यक्रम कराया।


25 साल के इतिहास में पहली बार
इस मौके पर डीन डॉ. मनोज इंदुलकर ने बताया कि 25 साल के इतिहास में पहला मौका है। जब दो दोस्त एक साथ देहदान करने आए है। वो भी जन्मदिन के मौके पर। ये दोनों युवा पहले भी रक्तदान कर कई लोगों का जीवन बचा चुके है। अब मरने के बाद एनाटॉमी के छात्रों को देहदान करने का निर्णय अनोखा है।
बता दें कि जिले ग्राम गांगी पो.कटरा जिला रीवा निवासी सचिन कुशवाहा पिता जयभान प्रसाद कुशवाहा उम्र 20 वर्ष एवं ग्राम जुड़मनिया पो.पैपखरा जिला प्रद्युम्न सिंह (जी.ई.सी.आई.आई.टी.आई.ए.एन) पिता दिनेश सिंह उम्र 29 वर्ष ने अपने शरीर का दान संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय के डीन मनोज इन्दुलकर के पास पहुंच कर दिया।


यादगार बनाना चाहता हूं जन्मदिन
सचिन कुशवाहा पुत्र जगभान प्रसाद कुशवाहा 20 वर्ष ने कहा कि हम अपना जन्मदिन यादगार बनाना चाहते है। ऐसे में मरने के बाद देहदान करने का निर्णय लिया है। हमारा मानना है कि इंसान का शरीर जीने के साथ और मरने के बाद भी काम आना चाहिए। हम अभी रक्तदान कर जीवन बचा रहे है। मरने के बाद हमारे शरीर की संरचना की बच्चे पढ़ाई करेंगे।

प्रद्युम्न सिंह ने शरीर दान करते समय कहा कि एक दिन सभी को समझ आ जायेगा कि मनुष्य के मरने के बाद जब उसकी अन्त्येष्ठि की जाती है तब एक साथ दस लोगों को और जलाया जाता है। प्रद्युम्न सिंह का कहना है कि इंसान के मरने के बाद जिंदा रहती है तो 6 घंटे आंख, 26 घन्टे किडनी, 15 घन्टे लीवर, 8 घन्टे फेफड़े, 20 मिनट दिमाग, 10 मिनट हृदय और 24 घन्टे से ऊपर त्वचा, यदि ये सब इन्सान के मरने के बाद भी अपना कार्य करती है इस प्रकार से इन्सान मर कर भी कई लोगों के अन्दर जिंदा रहता है जैसे किसी की आंखों से देखता है तो किसी के दिल में धड़कता है, किसी के दिमाग में सोचता है तो किसी के खून में बहता है।


 प्रद्युम्न सिंह ने समाज के युवाओं को एक सन्देश दिया है कि आप सभी करते रहिये देह दान, होता रहेगा देश का कल्याण हमारे शरीर को पाकर मेडिकल के विद्यार्थी परीक्षण कर एक अच्छे डाक्टर बन सकते हैं। इस अवसर पर पर समाजसेवी परमजीत सिंह डंग, देव पाण्डेय, मयंक तिवारी, आकाश चौधरी, सौरभ साकेत, पंकज सिंह पटेल आदि सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।