Rewa News: रीवा में होली के दिन 223 वर्षों पुराने जगन्नाथ मंदिर में 35000 लोगों ने ग्रहण किया महाप्रसादी

57 वर्षों से लगातार भगवान जगन्नाथ को चढ़ाया जा रहा आटिका प्रसाद; कढ़ी, चावल और खीर का लगता है भोग
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Jagannth Temple Rewa

रीवा। शहर के बिछिया मोहल्ले स्थित जगन्नाथ मंदिर में होली के उपलक्ष्य में आटिका प्रसाद पाने तकरीबन 35000 लोग पहुंचे और महाप्रसादी ग्रहण की। बता दें कि रीवा का जगन्नाथ मंदिर 223 वर्षों पुराना है। इस मंदिर का निर्माण रीवा रियासत के तत्कालीन महाराजा रघुराज सिंह ने शुरू किया था, जिसे महाराजा व्यंकट रमण सिंह ने पूरा करवाया था।मंदिर के पुजारी पं. नरेंद्र द्विवेदी के मुताबिक 223 वर्षों पुराने इस मंदिर के निर्माण में उस समय लगभग 3 लाख रुपए की लागत आई थी।

 
पं. नरेंद्र द्विवेदी बताते हैं कि भगवान जगन्नाथ मंदिर में होली के दिन विशेष पूजा-अर्चना की यह परंपरा भी रीवा राजघराने के द्वारा ही शुरू की गई थी। वर्षों से चली आ रही इस परंपरा अंतर्गत भगवान जगन्नाथ को होली वाले दिन आटिका प्रसाद में कढ़ी, चावल और खीर का भोग लगाया जाता है। भगवान जगन्नाथ को भोग लगाने के बाद इस प्रसाद को महाप्रसादी की संज्ञा दी जाती है।  इस महाप्रसादी को लेने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं और इस महाप्रसादी को ग्रहण कर स्वयं को धन्य मानते हैं।

 Mahaprasadi
आटिका प्रसाद आयोजन समिति से जुड़े सीताराम गुप्ता ने गुड मॉर्निंग से चर्चा में बताया कि रीवा के जगन्नाथ मंदिर में होली के दिन महाप्रसादी की परंपरा विगत 57 वर्षों से चली जा रही है। प्रत्येक वर्ष यहां हजारों की संख्या में लोग महाप्रसादी पाने के लिए आते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि विगत वर्ष जगन्नाथ मंदिर में तकरीबन 25000 श्रद्धालुओं ने महाप्रसादी ग्रहण की थी। वहीँ इस बार तकरीबन 35000 भक्तों ने महाप्रसाद ग्रहण किया है।