Rewa News: रिश्वत लेकर मेडिकल रिपोर्ट बनाने वाले डॉक्टर को मिली 3 साल की सजा

6 साल पहले रीवा लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों किया था गिरफ्तार

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 खबर रीवा से है जहां लोकायुक्त की विशेष न्यायालय ने भ्रष्टाचार में लिप्त डॉक्टर को 3 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दरअसल डॉक्टर ने मेडिकल बनाने के नाम पर 500 रुपये की रिश्वत की मांग की थी जिसे साल 2017 मे रीवा लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया था

यह है पूरा मामला

दरअसल डॉ वीके गर्ग चिकित्सा अधिकारी के पद पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रायपुर में पदस्थ थे 6 साल पहले साल 2017 में एक फरियादी शिवेंद्र वर्मा ने ने लोकायुक्त से शिकायत की थी कि उसके बेटे का हाथ टूट गया है उसकी एमएलसी यानी मेडिको लीगल केस बनाने के एवज में डॉक्टर डीके गर्ग द्वारा 500 रुपये की रिश्वत की मांग की जा रही है लोकायुक्त जांच में शिकायत सही पाई गई। जिसके बाद जब फरियादी डॉक्टर को रकम देने पहुंचा तभी रीवा लोकायुक्त ने आरोपी डॉक्टर को रंगे हाथों प्राप्त कर लिया तथा अपराध क्रमांक 74/ 17 पंजीबद्ध कर विवेचना की गई।

इसी मामले पर धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास वह 2000 का अर्थदंड एवं धारा 13 (1)d, 13(2) भ्रनिअ 1988 में 4 साल का सश्रम कारावास व 3000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया। कुल मिलाकर आरोपी डॉ वीके गर्ग के मामले में विशेष न्यायालय ने 2 मई को अंतिम निर्णय सुनाया है जिसके तहत 3 वर्ष का कठोर कारावास व 5000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।

 

Rewa News: रिश्वत लेकर मेडिकल रिपोर्ट बनाने वाले डॉक्टर को मिली 3 साल की सजा 6 साल पहले रीवा लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों किया था गिरफ्तार खबर रीवा से है जहां लोकायुक्त की विशेष न्यायालय ने भ्रष्टाचार में लिप्त डॉक्टर को 3 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दरअसल डॉक्टर ने मेडिकल बनाने के नाम पर ₹500 की रिश्वत की मांग की थी जिसे साल 2017 मे रीवा लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया था यह है पूरा मामला दरअसल डॉ वीके गर्ग चिकित्सा अधिकारी के पद पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रायपुर में पदस्थ थे 6 साल पहले साल 2017 में एक फरियादी शिवेंद्र वर्मा ने ने लोकायुक्त से शिकायत की थी कि उसके बेटे का हाथ टूट गया है उसकी एमएलसी यानी मेडिको लीगल केस बनाने के एवज में डॉक्टर डीके गर्ग द्वारा ₹500 की रिश्वत की मांग की जा रही है लोकायुक्त जांच में शिकायत सही पाई गई। जिसके बाद जब फरियादी डॉक्टर को रकम देने पहुंचा तभी रीवा लोकायुक्त ने आरोपी डॉक्टर को रंगे हाथों प्राप्त कर लिया तथा अपराध क्रमांक 74/ 17 पंजीबद्ध कर विवेचना की गई। इसी मामले पर धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास वह ₹2000 का अर्थदंड एवं धारा 13 (1)d, 13(2) भ्रनिअ 1988 में 4 साल का सश्रम कारावास व ₹3000 के अर्थदंड से दंडित किया गया। कुल मिलाकर आरोपी डॉ वीके गर्ग के मामले में विशेष न्यायालय ने 2 मई को अंतिम निर्णय सुनाया है जिसके तहत 3 वर्ष का कठोर कारावास व ₹5000 के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।

12:59 PM

6 साल पहले रीवा लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों किया था गिरफ्तार खबर रीवा से है जहां लोकायुक्त की विशेष न्यायालय ने भ्रष्टाचार में लिप्त डॉक्टर को 3 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दरअसल डॉक्टर ने मेडिकल बनाने के नाम पर ₹500 की रिश्वत की मांग की थी जिसे साल 2017 मे रीवा लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया था यह है पूरा मामला दरअसल डॉ वीके गर्ग चिकित्सा अधिकारी के पद पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रायपुर में पदस्थ थे 6 साल पहले साल 2017 में एक फरियादी शिवेंद्र वर्मा ने ने लोकायुक्त से शिकायत की थी कि उसके बेटे का हाथ टूट गया है उसकी एमएलसी यानी मेडिको लीगल केस बनाने के एवज में डॉक्टर डीके गर्ग द्वारा ₹500 की रिश्वत की मांग की जा रही है लोकायुक्त जांच में शिकायत सही पाई गई। जिसके बाद जब फरियादी डॉक्टर को रकम देने पहुंचा तभी रीवा लोकायुक्त ने आरोपी डॉक्टर को रंगे हाथों प्राप्त कर लिया तथा अपराध क्रमांक 74/ 17 पंजीबद्ध कर विवेचना की गई। इसी मामले पर धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास वह ₹2000 का अर्थदंड एवं धारा 13 (1)d, 13(2) भ्रनिअ 1988 में 4 साल का सश्रम कारावास व ₹3000 के अर्थदंड से दंडित किया गया। कुल मिलाकर आरोपी डॉ वीके गर्ग के मामले में विशेष न्यायालय ने 2 मई को अंतिम निर्णय सुनाया है जिसके तहत 3 वर्ष का कठोर कारावास व ₹5000 के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।