return to hinduism: गांव में हो रही भागवत कथा से प्रभावित होकर परिवार ने की हिंदू धर्म में वापसी

बीमारी से परेशान होकर ठीक होने की उम्मीद में बने थे ईसाई 

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शहडोल संभाग में इन दिनों किसी न किसी वजह से धर्मपरिवर्तन का मुद्दा सुर्खियों में बना रहता है। इसी बीच उमरिया जिले के चंदिया से खबर आ रही है जहां एक परिवार ने नवरात्र के दौरान भागवत कथा के सुनने बाद हिंदू धर्म में वापसी कर ली है। कथावाचक बाल प्रभु ने ईसाई धर्म मानने वाले परिवार की सालों बाद धर्म वापसी करवाई।


पुन: सनातन धर्म वापसी पर परिवार के सदस्यों ने बताया कि सालों पहले बीमारी से परेशान होकर वह ईसाई धर्म को मानने लगा था। और हिंदू धर्म से दूर हो चुका था। बताया गया कि पत्नी के पेट में दर्द रहता था। कई जगह इलाज करवाने के बाद भी जब आराम नहीं मिला। तो किसी ने महुआर में चर्च जाने की सलाह दी, कहा गया कि वहां जाने से आराम मिलेगा।  जिसके बाद वह परिवार सहित चर्च जाने लगा। धीरे-धीरे वह सभी ईसाई धर्म को मानने लगे।   हालांकि जब मंदिर में बाल प्रभु की कथा चल रही थी। उसी दौरान गुरु जी से बात हुई और उसके बाद मैं अब हिंदू धर्म को मानने लगी।
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चर्च जाने के बावजूद बना रहा पेट दर्द
पीड़ित महिला के पति ने बताया कि पत्नी के पेट दर्द से पूरा परिवार परेशान हो चुका था। हमने कई जगह इलाज करवाया, लेकिन कोई लाभ नहीं मिला ऐसे समय में जब चर्च जाने की सलाह मिली तो दर्द ठीक होने की उम्मीद लेकर हम वहां पहुंचे। कुछ दिन आराम लगा, उसके बाद फिर वैसे ही स्थिति बन गई। इसके बाद उर्मिला को मौत के सपने आने लगे और आत्महत्या के विचार होने लगे। 

 

गुरूजी से प्रेरित होकर हम वापस लौटे
इसी बीच जब नवरात्र के अवसर पर बाल प्रभु गांव में आए तो हमने गुरुजी से मुलाकात कर पूरी कहानी बताई तथा अपनी समस्या रखी जिसके बाद गुरू जी ने हमें समाधान बताया और उन्हीं से प्ररित होकर हमने वापस हिंदू धर्म अपनाया। वही उर्मिला ने बताया कि गांव में गुरु जी के आने के बाद जब सब कोई जाने लगा तो मैं भी गई और गुरुजी से धर्म वापसी कराकर सनातन धर्म अपना लिया है। वहीं बाल प्रभु बाल प्रभु आश्रम के पीठाधीश्वर ने दावा करते हुए बताया कि मैंने कई स्थानों में कथा की है। सैकड़ों लोगों की हिंदू धर्म में वापसी करवाए हैं। हिंदू धर्म सनातन धर्म है।