ध्यान दें! मप्र लोकसेवा आयोग (MPPSC) का सिलेबस बदला, अब भगवतगीता और देवी अहिल्या का जीवन चरित्र भी

पहले प्रश्नपत्र सामान्य अध्ययन में मध्यप्रदेश का हिस्सा बढ़ाया

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mp psc

 इंदौर। मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग ने राज्य सेवा परीक्षा-2024 के लिए शुक्रवार को सिलेबस जारी किया है। यह प्रारंभिक और मुख्य दोनों परीक्षाओं के लिए है। इसमें हर प्रश्न-पत्र के लिए खंड अनुसार पाठ्यक्रम व हर प्रश्न के नंबर और समयावधि व इंटरव्यू को लेकर भी निर्देश और विषय की जानकारी दी गई है। प्रारंभिक परीक्षा के दोनों प्रश्नपत्रों के समय और अंकों में बदलाव नहीं है। इसमें मप्र के सामान्य ज्ञान का हिस्सा बढ़ाया है। मुख्य परीक्षा में अर्थशास्त्र को जोड़ा है। महापुरुषो के बीच देवी अहिल्याबाई होलकर के जीवन चरित्र और श्रीमद्भगवतगीता भी पढ़ाई जाएगी।

राज्यसेवा मुख्य परीक्षा में 6 पेपर होंगे। पहले चार पेपर खंड 'अ  और खंड 'ब में बंटे हुए हैं। पीएएसी ने अन्य संकायों के विद्यार्थियों को राहत दी है। तीसरे प्रश्नपत्र में फिजिक्स-केमेस्ट्री को हटाकर 150 अंकों का अर्थशास्त्र जोड़ दिया गया है। चौथे प्रश्न-पत्र में भारतीय दर्शन के अंतर्गत तमाम महापुरुषों-विभूतियों के बीच देवी अहिल्याबाई होलकर के जीवन चरित्र को भी शामिल किया है। इसी तरह दर्शनशास्त्र, मनोविज्ञान, लोक प्रशासन के इस प्रश्नपत्र में श्रीमद् भगवतगीता को भी शामिल किया गया है।

ऐसे बांटे गए पेपर्स
राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा में दो पेपर होंगे। दोनों प्रश्नपत्र 200-200 अंकों के होंगे। इसमें हर प्रश्नपत्र में 2 नंबर के 100-100 प्रश्न होंगे। हर पेपर के लिए दो घंटे का समय दिया जाएगा। वहीं राज्य सेवा मुख्य परीक्षा इसके 6 पेपर में से पहले चार पेपर तीन-तीन घंटे के होंगे। पांचवां पेपर दो घंटे और छठा पेपर 2.30 घंटे का होगा। इसमें पहले चार पेपर खंड 'अÓ और खंड 'बÓ में बंटे हुए हैं। हर खंड 150-150 अंकों के होंगे। पहले के तीन पेपर में अति लघुत्तरीय, लघुत्तरीय और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न शामिल होंगे। चौथे पेपर में अति लघुत्तरीय, लघुत्तरीय और दीर्घ उत्तरीय के साथ केस स्टडी शामिल होगी। पांचवा प्रश्नपत्र सामान्य हिंदी और व्याकरण का 200 अंकों का होगा। इसी तरह छठा प्रश्नपत्र निबंध लेखन का 100 अंकों का होगा।

यह हुआ बदलाव 
प्रारंभिक परीक्षा का सिलेबस 10 यूनिट में बंटा हुआ है। पहले प्रश्नपत्र सामान्य अध्ययन में मध्यप्रदेश का हिस्सा बढ़ाया गया है।  पहली यूनिट 'भारत के इतिहासÓ में वेद, उपनिषद्, ग्रंथ, स्मृतियां, भारत की सांस्कृतिक विरासत, कला प्रारूप, साहित्य, पर्व, उत्सव। दूसरी यूनिट में मप्र की कला, धार्मिक, सांस्कृतिक, पुरातात्विक पर्यटन स्थल शामिल। जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक खतरे। देश-प्रदेश की संवैधानिक संस्थाएं 10वीं की बजाय 5वीं यूनिट में। 10वीं यूनिट में मप्र की जनजाति, विरासत, लोक-संस्कृति, साहित्य