Pause On Marriage: शादी-विवाह पर लगा 2 महीने का विराम; अब जुलाई में बजेगी शहनाई

गुरु और शुक्र ग्रह के अस्त होने से नहीं होंगे शुभ कार्य, जुलाई में भी महज 8 मुहूर्त

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रीवा।  25 अप्रैल से आगामी दो माह के लिए बैंड-बाजा और बारात में विराम लग गया। ज्योतिष की माने तो गुरु व शुक्र ग्रह के अस्त होने पर शुभ कार्य बंद हो गए है। इस अवधि में विवाह सहित मुंडन व उपनयन संस्कार नहीं होंगे।  

 हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल शुक्र ग्रह 23 अप्रैल को अस्त हो गए है। शुक्रोदय 29 जून को होगा। गुरु ग्रह भी 3 मई को अस्त हो जाएगे। 3 जून को फिर से देव गुरु बृहस्पति  उदय हो जाएंगे। इस तरह 24 अप्रेल में 29 जून तक विवाह समारोह सहित मुंडन व उपनयन संस्कार वर्जित रहेंगे। गृहप्रवेश, संपत्ति, वाहन खरीदी व अन्य शुभकार्य यथावत होते रहेंगे। जुलाई में भी महज आठ दिन ही विवाह की शुभ घड़ी है। ऐसे में 10 मई को अक्षय तृतीया के अबूझ मुहूर्त में जमकर विवाह होंगे।

जुलाई में ये तारीखें विवाहादि के लिए शुभ
जुलाई में शादी-विवाह के 8 शुभ मुहूर्त पंडितों ने बताए हैं। 3, 9, 10 11, 12, 14 और 15 तारीख को शादियां होंगी इसके बाद फिर कुछ दिनों के लिए शहनाइयों की गूंज सुनाई नहीं देगी। देवशयनी एकादशी अर्थात आषाढ़ शुक्ल एकादशी 16 जुलाई को देव उठनी एकादशी है। कार्तिक शुक्ल एकादशी 12 नवंबर तक चार माह देव शयन काल होता है। इस अवधि में विवाह समेत मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगी।

जानकारों ने बताया कि चातुर्मास के चलते 16 जुलाई से 12 नवंबर तक भी विवाह नहीं होंगे। इस तरह अब आने वाले साढ़े छह माह में महज जुलाई में ही 8 दिन विवाह के लिए शुभमुहूर्त मिलेंगे। विवाह के लग्न मुहूर्त देखते समय गुरु और शुक्र ग्रह का अच्छी स्थिति में होना जरूरी होता है। इनमें से एक भी ग्रह अस्त होने  या खराब स्थिति में होने पर उस तिथि में विवाह का मुहूर्त नहीं बनता है। 

देवगुरु बृहस्पति और शुक्र देव को विवाह के लिए कारक माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु और शुक्र ग्रह मजबूत स्थिति में हैं तो जल्द शादी के योग बनते हैं। इन दोनों ग्रहों के कमजोर होने पर विवाह में बाधा आने लगती है