मैहर के शारदा देवी मंदिर से मुस्लिम कर्मचारियों को हटाने का आदेश, विहिप-बजरंग दल की शिकायत के बाद एक्शन

मंदिर प्रबंध समिति के नियमों में कहीं भी धार्मिक आधार पर कर्मचारियों की नियुक्ति का प्रावधान नहीं

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सतना जिले के प्रसिद्ध मैहर माता मंदिर को लेकर राज्य धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग ने  बड़ा आदेश जारी किया है। जिसके अनुसार मंदिर में कार्यरत मुस्लिम कर्मचारियों को हटा दिया गया है। साथ ही साथ नगर में मांस मदिरा प्रतिबंधित करने के कलेक्टर को $मंत्री ने पत्र भी भेजे  ैेंहैं। जिसकी जानकारी जिला कलेक्टर अनुराग वर्मा ने दी। वहीं सोशल मीडिया में भी मंत्री ऊषा ठाकुर का पत्र वायरल हो रहा है। हालांकि चुनावी साल में ऐसा आदेश चर्चा का विषय बनता जा रहा है। 

सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा ने बताया कि मंत्री उषा ठाकुर का पत्र प्राप्त हुआ है। उसके संबंध में परीक्षण कराया जाएगा और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। विश्व-हिंदू परिषद ने संस्कृति मंत्री के सामने अपनी मांगें रखी थीं, जिस पर विभाग ने एक्शन लेते हुए आदेश दिया है।  

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 मंदिर समिति में तैनात हैं 3 गैर हिन्दू कर्मचारी
शारदा मंदिर प्रबंध समिति के अनुसार मौजूदा समय में मंदिर में तीन मुस्लिम कर्मचारी आबिद, अयूब और यूसुफ खान कार्यरत हैं।  जो समिति के निर्देश पर काम करते हैं। प्रबंध समिति के अधीक्षक नंदकिशोर पटेल ने बताया कि ऐसे कर्मचारियों को बाहरी काम सौंपा गया है। बता दें कि विहिप-बजरंग दल की मांग के बाद जारी हुए आदेश का बजरंज दल ने स्वागत करते हुए माता शारदा की महाआरती का भी ऐलान कर दिया है। बजरंग दल के जिला संयोजक महेश तिवारी ने कहा कि हम वर्षों से यह मांग करते आ रहे हैं, जिस पर अमल होने की बारी अब आई है।

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दरअसल जनवरी को इस संबंध में तत्काल परीक्षण कर रिपोर्ट मांगी गई थी, लेकिन वह अभी तक अपेक्षित ही है। इस बात का जिक्र पत्र में किया गया है। धर्मस्व विभाग की उपसचिव पुष्पा कुलेश ने मंगलवार को फिर पत्र भेजकर 3 दिन में प्रतिवेदन भेजने को कहा हैं। हालांकि, मां शारदा देवी मंदिर प्रबंध समिति के नियमों में कहीं भी कर्मचारियों की नियुक्ति में धर्म को आधार बनाए जाने का प्रावधान नहीं है।