MP Politics: मप्र हराने के बाद जीतू पटवारी पर फूटा अजय सिंह राहुल का गुस्सा, बोले- समीक्षा करे हाईकमान

दिग्विजय सिंह व कमलनाथ जैसे बड़े नेताओं को भी आड़े हाथों लिया, बोले- अपने क्षेत्रों के बाहर क्यों नहीं निकले

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ajay singh rahul

सीधी। लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी की करारी हार पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने संगठन के काम पर सवाल उठाए हैं। अजय सिंह ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी कार्यकाल की उच्च स्तर पर समीक्षा किये जाने की भी मांग की है। उन्होंने कहा है कि आखिर पटवारी के कार्यकाल में बड़ी संख्या में नेता-कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन क्यों थामा। वहीं पार्टी छोड़कर अन्य दलों में जा रहे नेता-कार्यकर्ताओं को रोकने के लिये क्या कदम उठाये गये, इस पर भी चर्चा की जानी चाहिए। 


पूर्व नेता प्रतिपक्ष तथा कांग्रेस विधायक अजय सिंह ने प्रदेश में कांग्रेस को मिली करारी हार पर आश्चर्य व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि आखिर इस हार के पीछे प्रमुख कारण क्या हैं, इसकी व्यापक स्तर पर समीक्षा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस हार से कांग्रेस के कार्यकर्ता हताश और निराश हैं, जो कि भविष्य के लिये ठीक नहीं। 


 

दिग्विजय व कमलनाथ को भी घेरा 
पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हाई कमान अब ये शीघ्र ही तय करें कि आगे मध्य प्रदेश के लिए किस तरह के रणनीति बनाई जाये। इतना ही नहीं उन्होंने कमलनाथ तथा दिग्विजय सिंह की भूमिका पर भी सवालिया निशान उठाते हुए कहा है कि ये दोनों ही दिग्गज नेता अपने क्षेत्रों के बाहर क्यों नहीं निकले। उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान इस बात की भी समीक्षा करें कि चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियोंं के समर्थन में कौन-कौन दिग्गज कहां-कहां पहुंचा। 


 

जाने वालों की न हो वापसी 
अजय सिंह ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी और पूर्व प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत पर भी हमला बोलते हुए कहा कि यह भी सुनिश्चित होना चाहिए कि इनकी कभी भी कांग्रेस में वापसी न हो। उन्होंने कहा कि संकट के समय कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने वाले मतलब परस्त नेताओं की कांग्रेस में वापसी होनी ही नही चाहिए, चाहे वह कितना भी बड़ा नेता क्यों न हो।


बता दें मध्यप्रदेश में कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी। पार्टी व इंडिया गठबंधन को सभी २९ सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं हार की स्थिति यह रही कि ज्यादातर सीटों में कांग्रेस प्रत्याशी डटकर मुकाबला करते भी नजर नहीं आए। छिंदवाड़ा जैसा गढ़ भी ताश के पत्तों की तरह बिखरता नजर आया। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपनी सीट तक नहीं बचा सके।