MP News: 10वीं का रिजल्ट सुधारने अब सरकारी स्कूलों में बनेंगे सुपर सेक्शन, वीकली टेस्ट होंगे कंपलसरी
गुणवत्ता सुधारने शिक्षा विभाग का नया प्रयोग, नौवीं से ही कमजोर स्टूडेंट्स पर होगा फोकस
भोपाल। नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार के लिए स्कूल शिक्षा विभाग अब नया प्रयोग करने जा रहा है। इसके तहत ऐसे विद्यार्थी जो पढ़ाई में कमजोर हैं, उनकी अलग से कक्षाएं लगाई जाएंगी। इसके लिए कक्षाओं में बकायदा अलग सुपर सेक्शन बनेगा और शिक्षक भी अलग से तैनात होंगे। साप्ताहिक और मासिक टेस्ट भी होगा। प्रति सप्ताह मूल्यांकन करके जहां कमी है, उसे दूर करने पर फोकस किया जाएगा।देना शुरू कर दिया है। अब उन स्कूलों में सुपर सेक्शन बनेगा जहां 30 से अधिक फेल हुए हैं।
बताया जा रहा है कि नौवीं कक्षा में फेल की अलग से कक्षाएं लगेंगी। सभी एजकेशन विषयों की पढ़ाई के लिए शिक्षक लगाए जाएंगे। साप्ताहिक और मासिक टेस्ट के साथ ही तिमाही और छमाही परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं से एक-एक सवाल पर चर्चा की जाएगी। इतना ही नहीं शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा।
इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग राज्य ओपन बोर्ड के साथ मिलकर काम करेगा ओर ओपन स्कूल चलाएगा। इसका उद्देश्य एमपी की 10 वीं का परिणाम सुधारना है। 10 वीं का परिणाम पिछले छह वर्षों में इस वर्ष सबसे खराब रहा। इस साल से बेस्ट आफ फाइव योजना भी समाप्त कर दी है। शिक्षा विभाग ने 10 वीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम सुधारने के लिए नौवीं कक्षा से जोर
स्कूल शिक्षा विभाग नौवीं कक्षा से ही गुणवत्ता सुधारने का प्रयास कर रहा है। साथ ही नौवीं कक्षा के तिमाही व छमाही परीक्षा परिणाम के पांच-पांच फीसद अंक वार्षिक परीक्षा के परिणाम में जोड़े जाएंगे। इससे विद्यार्थी तिमाही व छमाही परीक्षाओं को गंभीरता से लेंगे और ध्यान केंद्रित करेंगे। तिमाही व छमाही परीक्षा के परिणामों का भी आकलन किया जाएगा, ताकि वार्षिक परीक्षा में सुधार किया जा सके।