MP News: एमपी में बोर्ड परीक्षा में केंद्राध्यक्षों की नियुक्ति में नहीं चलेगी मनमानी
अब सॉफ्टवेयर बनाएगा केंद्राध्यक्ष, मध्यप्रदेश मध्यमिक शिक्षा मंडल ने किया तय

भोपाल। मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में केंद्राध्यक्षों की तैनाती में अब मनमानी नहीं चलेगी। मंडल ने तय किया है कि इस बार किसी परीक्षा केंद्र पर केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्ष का फैसला अधिकारी नहीं, बल्कि मशीन करेगी। मंडल के इस आदेश के साथ केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्ष बनाए जाने को लेकर विवाद भी शुरू हो गया है। ऐसा इसलिए कि बड़वानी जिले में परीक्षा के करीब डेढ़ महीने पहले केंद्राध्यक्षों और सहायक केंद्राध्यक्षों की सूची जारी कर दी गई।
बड़वानी डीईओ शीला चौहान ने सभी केंद्राध्यक्षों और सहायक केंद्राध्यक्षों की एक दिन पहले बैठक भी बुलाई थी। जिला शिक्षा अधिकारी के इस फैसले से परीक्षा की गोपनीयता पर सवाल खड़े होने लगे हैं। हालांकि सफाई में अधिकारियों का कहना है कि यह फाइनल सूची नहीं है। अभी इसका रेंडमाइजेशन होना बाकी है।
मंडल की दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा 25 फरवरी से शुरू हो रही है। दोनों परीक्षाओं में 16.50 लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं। इस बार परीक्षा में नकल पर रोक और प्रश्नपत्र को लीक होने से बचाने के लिए बोर्ड ने नियमों में कुछ बदलाव किए हैं।
एक बदलाव केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्ष की चयन प्रक्रिया में भी हुआ है। इसमें माशिमं द्वारा निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर केंद्राध्यक्षों एवं सहायक केंद्राध्यक्षों की नियुक्ति विकासखंड स्तर पर नहीं होगी। केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्ष बनाने के योग्य लोगों की एक जिलास्तरीय सूची तैयार होगी। जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित एक समिति इसका अनुमोदन करेगी।
जिला शिक्षा अधिकारी इस सूची को जिला सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) को भेजेंगे। वहां पहले से मौजूद केंद्रों की सूची के साथ इस सूची को भी विशेष सॉफ्टवेयर में डाला जाएगा। वह सॉफ्टवेयर रेंडम पद्धति से किसी शिक्षक का नाम जिले के किसी केंद्र के साथ केंद्राध्यक्ष अथवा सहायक केंद्राध्यक्ष के तौर पर जोड़ देगा।
जिनके बच्चे परीक्षा में उनसे परहेज
बोर्ड ने साफ कहा है कि जिन शिक्षकों के बच्चे दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में बैठने जा रहे हैं, उन्हें पर्यवेक्षक और केंद्राध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा। गंभीर बीमारी से पीड़ित शिक्षकों को भी परीक्षा कार्य में नहीं लगाया जाएगा। साथ में उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों को उनके विषयों के प्रश्न-पत्रों में पर्यवेक्षक के रूप में भी ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी।
ऐसे लोगों को केंद्राध्यक्ष बनाने की मनाही
पिछले सालों की परीक्षा में जिन परीक्षा केंद्रों पर सामूहिक नकल के प्रकरण सामने आए थे, ऐसे परीक्षा केंद्रों पर उस समय नियुक्त केंद्राध्यक्षों को इस वर्ष की परीक्षा में केंद्राध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा। गोपनीयता भंग करने अथवा परीक्षा कार्य में घोर लापरवाही बरतने वाले केंद्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष, शिक्षक या अन्य कर्मचारी को ड्यूटी पर नहीं लगाए जाएंगे। मंडल परीक्षा कार्य में लापरवाही बरतने वाले (डिबार किए गए) शिक्षकों और प्राचार्यों को अपात्र कर दिया गया है।