MP News: मध्य प्रदेश में 60 लाख घरों में पाइप से गैस पहुंचाने का लक्ष्य
सिटी गैस डिस्ट्रिब्यूशन पॉलिसी में प्रावधान, 2.61 लाख घरों में दिए कनेक्शन

भोपाल। महानगरों की तर्ज पर मप्र में घरों में पाइप लाइन के जरिए गैस पहुंचाई जा रही है। राज्य में 60 लाख घरों तक इस माध्यम से गैस भेजने का टारगेट रखा गया है। इसके मुकाबले अब तक 2.61 लाख हाउस होल्ड कनेक्शन दिए जा चुके हैं। इसमें भोपाल, इंदौर जैसे शहर में शामिल हैं।
खास बात यह भी है कि दो योजनाओं के हितग्राहियों को पीएनजी के लिए राज्य सरकार की ओर से सब्सिडी भी दी जाएगी। पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) और कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) के उपयोग को बढ़ावा देने और इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने राज्य सरकार ने सिटी गैस डिस्ट्रिब्यूशन पॉलिसी बनाई है। इसे हाल में केबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। इसमें प्रावधान किया गया है कि घरों के साथ ही औद्योगिक और वाणिज्यिक इकाइयों में पीएनजी सप्लाई की जाएगी।
कम होगा प्रदूषण, किफायती ईंधन मिलेगा
सीजीडी पॉलिसी का उद्येश्य घरों और उद्योगों के लिए स्वच्छ और किफायती ईंधन की उपलब्धता में बढ़ोतरी करना है। इससे शहरों में प्रदूषण के स्तर को कम करने में भी मदद मिलेगी। राज्य में सीजीडी के बुनियादी ढांचे के त्वरित क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी अनुमतियां देने और भूमि आवंटन की प्रक्रिया निर्धारित करने का प्रावधान भी नीति में किया गया है।
प्रदेश में बनाए 345 सीएनजी स्टेशन
प्रदेश के 55 जिलों में 1207 सीएनजी स्टेशन बनाए जाएंगे। मौजूदा स्थिति में 345 स्टेशन तैयार किए जा चुके हैं। खास बात यह है कि भोपाल और इंदौर जैसे शहरों में सीएनजी से चलने वाली बसों का संचालन भी शुरू किया जा चुका है। पुरानी बसों को सीएनजी से बदला जा रहा है।
कोर्स भी करेंगे डिजाइन
अभी दस सिटी गैस डिस्ट्रिब्यूशन एजेंसी काम कर रही हैं। इनको सीजीडी प्रोजेक्ट से संबंधित पाठ्यक्रम (कोर्स) विकसित करने की जिम्मेदारी भी सौंपी जाएगी। एजेंसी यह कार्य तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास विभाग के साथ नॉलेज पार्टनर के तौर पर करेगी।
इसके बाद प्राथमिकता के आधार पर रोजगार उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा सीजीडी संस्थाओं को तय समय-सीमा में नेटवर्क विकसित करना होगा। सरकार से अधिकृत रेट्रोफिटमेंट सेंटर से फिट किए मानक सीएनजी किट को बढ़ावा देना भी एजेंसी की जिम्मेदारी होगी।
अधिकतम 60 दिन में देना होगी एनओसी
सीएनजी स्टेशन बनाने के लिए 11 से अधिक एजेंसियों से एनओसी लेना होगी। इसमें संबंधित नगरीय निकाय से बिल्डिंग परमिशन, ग्राम पंचायत, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पुलिस, एसडीएम, खाद्य, औद्योगिक सुरक्षा, पीडब्ल्यूडी, ऊर्जा विभाग, मप्र सड़क विकास निगम, ग्रामीण सड़क विकास निगम, वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र की जरूरी।
इसके बाद उस जिले का कलेक्टर स्टेशन विकसित करने के लिए एनओसी जारी करेंगे। कलेक्टर से ऑफिस में आवेदन मिलने से लेकर हर स्तर पर होने वाली प्रक्रिया की समय-सीमा तय की गई है। अधिकतम 60 दिन में कलेक्टर को या तो एनओसी जारी करना होगी या फिर खारिज करना पड़ेगी।
प्रदेश को ड्रोन निर्माण हब बनाएंगे
मध्यप्रदेश को ड्रोन निर्माण और प्रौद्योगिकी का प्रमुख हब बनाने की प्लानिंग भी की गई है। राज्य सरकार ने ड्रोन क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए मध्यप्रदेश ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025 को मंजूरी दी है। इसमें ड्रोन के सुरक्षित और कुशलतम उपयोग के माध्यम से नवाचार, आर्थिक समृद्धि और रोजगार को बढ़ावा देने वाले विषयों एवं तथ्यों को शामिल किया गया है।
जल्द ही ड्रोन डाटा रिपॉजिटरी भी बनाई जायेगी। यह विभिन्न विभागों के बीच परस्पर डाटा साझा करने और सहयोग को बढ़ावा देगी। यह नीति जीआईएस आधारित योजना और विश्लेषणात्मक उपकरणों का उपयोग करके बेहतर निगरानी तंत्र विकसित करेगी।