MP News: प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर नकेल कसने की तैयारी, पैरेंट्स को परेशान करने वालों की रद्द होगी मान्यता
कलेक्ट्रेट में हुई बैठक में स्कूल संचालकों को दिए गए सख्त निर्देश
प्राइवेट स्कूलों मोनोपली पर नकेल कसने की जिला प्रशासन ने तैयारी कर ली। अभिभावाकों को परेशान करने व उल जलूल फीस स्ट्रचर बनाने वाली स्कूलों पर कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। एमपी के सिंगरौली कलेक्ट्रेट में हुई बैठक में विधायक एवं उपखण्ड अधिकारी ने जिले में संचालित अभिभावको के शिकायतों के निराकरण के लिए सभी अशासकीय शालाओं के प्राचार्य एवं संस्था प्रमुखों से वन-टू-वन विन्दुवार निर्देशित किया गया है।
सिंगरौली क्षेत्र में अंतर्गत संचालित सभी अशासकीय शाला द्वारा शालाओं में एडमीशन हेतु विधिवत मेल के अतिरिक्त समाचार पत्रों में प्रकाशन कराने तथा सलेक्सन के लिए जिला से एसडीएम, डीईओ एवं डीपीसी के समक्ष स्कूटनी करने के निर्देश दिये गये। साथ किसी भी अभिभावक को संचालित शाला द्वारा उसकी इच्छा अनुसार एडमिशन देने से मना करने या परेशान करने संबंधी शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित शाला की मान्यता समाप्ति की कार्यवाही की जावेगी।
किताबों की संख्या व प्रकाशक की देनी होगी जानकारी
सभी अशासकीय शाला द्वारा प्रत्येक कक्षा में बुक उपलब्ध कराने की जानकारी पब्लिसर एवं बुक की संख्या सहित जानकारी जिला प्रशासन के साथ बच्चों एवं अभिभावक को मेल एवं समाचार पत्रों के माध्यम से 2 माह पूर्व ही उपलब्ध करायी जाय। जिससे किसी एक दुकान द्वारा मोनोपोली माध्यम से अभिभावको को नवीन बुक क्रय करने हेतु मजबूर नहीं किया जा सके। अशासकीय शालाओ द्वारा बुक बदलने की जानकारी भी एक वर्ष पूर्व बच्चों एवं अभिभावकों को उपलब्ध कराया जावे। यदि बुक से संबंधित समस्त निर्देशों का पालन अशासकीय शालाओं द्वारा नहीं किया जाता है तो संबंधित शाला की मान्यता समाप्त की कार्यवाही की जायेगी। साथ ही बैठक में यह भी निर्देश दिया गया की अशासकीय शाला द्वारा प्रत्येक कक्षा में गणवेश उपलब्ध कराने की जानकारी वेण्डर की संख्या सहित जानकारी जिला प्रशासन के साथ बच्चों एवं अभिभावक को मेल एवं अन्य स्त्रोत के माध्यम से 2 माह पूर्व ही उपलब्ध करायी जाय जिससे किसी एक दुकान द्वारा मोनोपोली माध्यम से अभिभावकों को नवीन गणवेश कय करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सके।
फीस के लिए बच्चों का नही करेंगे प्रताड़ित
विधायक द्वारा निर्देशित किया गया है कि किसी भी छात्र/छात्रा को फ ीस के अभाव में परीक्षा वंचित नही किया जावेगा और न ही उन्हें फ ीस के लिये प्रताड़ित किया जावेगा। इसके अतिरिक्त यदि किसी दुकानदार द्वारा बच्चों के अभिभावकों को नवीन बुक एवं गणवेश ड्रेस की खरीदी हेतु दबाव बनाया जाता है। विधानसभा सिंगरौली अंतर्गत संचालित समस्त दुकानदार सभी अशासकीय शालाओं की बुक अभिभावकों के आवश्यकतानुसार सेट या आवश्यक एक दो पुस्तके भी उपलब्ध कराना आवश्यक होगा। उक्त निर्देश के अनुसार दुकानदार द्वारा किसी भी प्रकार से लापरवाही शिकायत, शोषण संबंधी शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित शाला एवं दुकानदार के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी।
फॉदर एवं सिस्टर शब्द के संबोधन से आपत्ति
बैठक में विधायक द्वारा अल्पसंख्यक, मिशिनरी शालाओं द्वारा अपने शाला मे दर्ज समस्त बच्चों से फ ॉदर एवं सिस्टर शब्द से संबोधन कराये जाने पर घोर आपत्ति व्यक्त किया गया तथा समस्त अल्पसंख्यक/मिशिनरी शालाओं के संस्था प्रमुखों को केवल प्राचार्य शब्दों से संबोधित कराते हुये पालन प्रतिवेदन डीपीसी जिला शिक्षा केन्द्र सिंगरौली के समक्ष प्रस्तुत करें। वही समीक्षा के दौरान यही भी मामला सामने आया की प्राय: देखने में आया है कि अशासकीय शालाओं द्वारा आरटीई के तहत कम बच्चों की सीट निर्धारित की गई है और सामान्य बच्चों के एडमीशन हेतु अन्य कक्षा में दुगुना एवं तीन गुना सीट बनाया गया है। जिस पर विधायक द्वारा आपत्ति दर्ज करते हुये इसे सुधारने हेतु निर्देशित किया गया है। साथ में निर्देशित किया गया है कि गरीब बच्वों के कल्याण हेतु प्राथमिक कक्षा में ही सीट बढ़ायें ताकि अधिक से अधिक बच्चें लाभान्वित हो सके।