MP News: एमपी में बोले पीएम मोदी- ट्रिपल-टी में निवेश की असीम संभावनाएं
भोपाल में निवेशकों का महाकुम्भ: ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया शुभारंभ

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भोपाल के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आयोजित दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने मध्यप्रदेश सरकार की निवेश के अनुकूल बनाई गईं 18 विभागों की नीतियों का भी लोकार्पण किया। श्री मोदी ने भाषण की शुरुआत में 15 मिनट देरी से आने पर सभी निवेशकों से माफी मांगते हुए कहा कि बच्चों की परीक्षा के कारण देरी हुई है।
पीएम मोदी ने निवेशकों से कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश का यह सही समय है। आने वाले दिनों में तीन सेक्टर टेक्सटाइल, टूरिज्म और टेक्नालॉजी (त्रिपल-टी) की अहम भूमिका है। तीनों सेक्टर में मध्यप्रदेश में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। मध्यप्रदेश देश की कॉटन कैपिटल है, यहां से 30 फीसदी कॉटन सप्लाई किया जाता है। मेलबरी कॉटन का सबसे बड़ा केन्द्र भी एमपी है। यहां से इसकी सप्लाई बहुत है। आप सभी तीनों सेटर में निवेश करें।
इतिहास में पहली बार दुनिया भारत की ओर
पीएम मोदी ने कहा विकसित मध्यप्रदेश से विकसित भारत की यात्रा में आज का यह कार्यक्रम बहुत अहम है। इस भव्य आयोजन के लिए मैं मोहन यादव और उनकी पूरी टीम को बधाई देता हूं। भारत के इतिहास में ऐसा अवसर पहली बार आया है, जब पूरी दुनिया भारत के लिए इतनी ऑप्टिमिस्टिक है। पूरी दुनिया में चाहे सामान्य जन हो, अर्थनीति के विशेषज्ञ हो, विभिन्न देश हो या फिर संस्थान, इन सभी को भारत से बहुत आशाएं हैं।
कुछ दिन पहले ही वर्ल्ड बैंक ने कहा कि भारत आने वाले सालों में ऐसे ही दुनिया की फास्टेस्ट ग्राइंग इकोनॉमी बना रहेगा। कुछ दिन पहले लाइमेंट चेंज पर यूएन की एक संस्था ने भारत को सोलर पावर की सुपरपॉवर कहा था। इस संस्था ने यह भी कहा कि जहां कई देश सिर्फ बातें करते हैं, वहीं भारत नतीजे लाकर दिखाता है।
रीवा सोलर पार्क देश के बड़े पार्कों में से एक
ऊर्जा क्षेत्र में उछाल से मध्य प्रदेश को लाभ मिला है। आज मध्य प्रदेश में बिजली अधिशेष है, जिसकी बिजली उत्पादन क्षमता 31,000 मेगावाट है, जिसमें से 30 प्रतिशत स्वच्छ ऊर्जा से आती है। रीवा सोलर पार्क देश के सबसे बड़े सोलर पार्कों में से एक है। इसके अलावा, मध्य प्रदेश में ओंकारेश्वर लोटिंग सोलर पावर प्लांट का भी निर्माण किया गया है। पिछले दशक में भारत ने इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में उछाल का दौर देखा है। इसका बहुत बड़ा फायदा मध्य प्रदेश को मिला है।
परीक्षा की वजह से देर से आया, क्षमा चाहता हूं
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के उद्धाटन सत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया। इस दौरान समिट में कुछ देरी पहुंचे पीएम ने क्षमा मांगी। कहा कि आज मुझे यहां आने में विलंब हुआ, इसके लिए मैं आप सबसे क्षमा चाहता हूं।
विलंब इसलिए हुआ, क्योंकि कल जब मैं यहां पहुंचा, तो एक बात ध्यान में आई कि आज 10वीं और 12वीं के छात्रों की परीक्षा है। उसका समय और मेरा राजभवन से निकलने का समय एक ही हो रहा था। उसके कारण संभावना थी कि सुरक्षा के कारण अगर रास्ते बंद हो जाएंगे और बच्चों को एग्जाम के लिए जाने में कठिनाई हो जाएगी।
बच्चों को इस कठिनाई का सामना नहीं करना पड़े, बच्चे समय से अपने परीक्षा केंद्र पर पहुंच जाएं, इस कारण मैंने निकलने में 15 मिनट की देरी कर दी। पीएम मोदी को सुबह 9:45 बजे राजभवन से रवाना होना था और यहां राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में जीआईएस 2025 के लिए जाना था, लेकिन अब वह सुबह 10 बजे रवाना हुए। ऐसा इसलिए कि प्रोटोकॉल के हिसाब से सुरक्षा व्यवस्था के चलते वाहनों को पहले रोक दिया जाता और बच्चे वाहनों में फंस कर रह जाते।
एमपी शीर्ष पांच राज्यों में होगा
मध्य प्रदेश जनसंख्या के हिसाब से भारत का पांचवा लार्जेस्ट स्टेट है। मध्य प्रदेश कृषि के मामले में भारत के शीर्ष राज्यों में है। खनिज हिसाब से भी मध्य प्रदेश देश के शीर्ष 5 राज्यों में है। मध्य प्रदेश को जीवनदायिनी मां नर्मदा का भी आशीर्वाद प्राप्त है। मध्य प्रदेश में हर वो संभावना है, जो इस राज्य को जीडीपी के हिसाब से भी देश के शीर्ष 5 राज्यों में ला सकता है।
पिछले दो दशकों में मध्य प्रदेश ने बहुत बदलाव देखे हैं। बिजली-पानी की समस्या थी, यहां कानून-व्यवस्था और भी खराब थी। ऐसे में औद्योगिक विकास मुश्किल था, लेकिन पिछले बीस सालों में जनता के सहयोग से भाजपा की राज्य सरकार ने गवर्नेंस पर ध्यान केंद्रित किया। दो दशक पहले लोग यहां निवेश करने से कतराते थे और अब यह निवेश के लिए देश के शीर्ष राज्यों में शामिल है।
एमपी अजब भी है, गजब भी
नर्मदा के दोनों तरफ आदिवासी क्षेत्रों का विकास है। वन्य क्षेत्रों का भी विकास हो रहा है। हेल्थ एंड वैलनेस के क्षेत्र में बहुत अच्छे से निवेश हो रहा है। स्पेशल वीजा भी दिया जा रहा है। इससे एमपी को भी फायदा मिलेगा।
बीना रिफाइनरी में 50 हजार करोड़ का निवेश
बीना रिफाइनरी में 50 हजार करोड़ का निवेश हुआ है। यह एमपी को पेट्रो केमिकल का हब बनाने में मदद करेगा। एमपी में 300 से ज्यादा इंडस्ट्रियल जोन हैं। पीथमपुर, देवास रतलाम में इंवेस्टर जोन बनाए जा रहे हैं। सभी निवेशकों के लिए बेहतर रिटर्न की अपार संभावनाएं हैं।
नदियों को जोड़ने से उद्योगों को भी लाभ
उद्योगों के लिए पानी बहुत जरूरी है। इसके लिए एमपी में नदियांं जोड़ो अभियान चलाया गया है। यहां की खेती को भी इसका फायदा मिल रहा है। 45 हजार करोड़ रुपए के केन-बेतवा लिंक परियोजना शुरू की गई है। इसके 10 लाख हेक्टेयर जमीन की उर्वरता बढ़ेगी।