MP News: एमपी में अब हर कर्मचारी को देना होगा अपनी पूरी प्रॉपर्टी का ब्यौरा, वरना कर्रवाई तय

परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के पास अकूत संपत्ति मिलने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किए आदेश

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भोपाल। परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के पास अकूत संपत्ति मिलने के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के कर्मचारियों के लिए भी संपत्ति की जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है। कर्मचारियों को निर्धारित फार्मेट में अचल संपत्ति का ब्यौरा सरकार के पास जमा करना होगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।

 
जारी आदेश में सभी कर्मचारियों को 31 जनवरी 2025 तक अचल संपत्ति का ब्यौरा (एक जनवरी 2024 से दिसंबर 2024 की स्थिति तक) पेश करने को कहा गया है। इसमें कर्मचारियों को अपनी सैलरी, पद, जिला और उनकी संपत्ति का पूरा विवरण देना होगा।


यदि कोई कर्मचारी इस तय समय सीमा में संपत्ति का ब्यौरा नहीं देता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सामान्य प्रशासन विभाग ने कहा कि सभी कर्मचारी निर्धारित प्रपत्र में साल 2024 की स्थिति में अचल संपत्ति का ब्यौरा भरकर ऑनलाइन सबमिट करें।


यह डिटेल्स देनी होगी
वर्तमान में किस पद पर पदस्थ हैं, किस जिले में पदस्थ हैं और कितना वेतनमान मिल रहा है, यह सारी जानकारी देनी होगी। सरकारी नौकरी में आने से लेकर वर्तमान तक अपनी और परिवार के सदस्यों के नाम से कितनी अचल संपत्ति की खरीदी की है। 
अचल संपत्ति क्रय करते समय उसकी कीमत और वर्तमान की कितनी कीमत के बारें में भी बताना होगा। संपत्ति से कितनी आय प्राप्त होती है, इसकी भी जानकारी देनी होगी। अब तक जो भी सपत्तियां आपके पास है, वे खुद अर्जित की हैं या फिर पुश्तैनी हैं? अगर कर्मचारी ने संपत्ति खुद अर्जित की है, तो उसका भुगतान कैसे किया गया है।


ऑनलाइन देनी होगी जानकारी
मध्य प्रदेश में कर्मचारियों के साथ अधिकारियों को हर साल अपनी संपत्ति का ब्यौरा देना अनिवार्य किया गया है। साल 2010 में सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों को इस संबंध में आदेश जारी कर कहा था कि सभी कर्मचारी और अधिकारी अपनी अचल संपत्ति का हर साल यौरा देंगे। इसके लिए विभाग द्वारा अचल संपत्ति की जानकारी के लिए फार्मेट भी जारी किया था।

 
इस फार्मेट में कर्मचारियों और अधिकारियों को हर साल अपनी अचल संपत्ति घोषित करनी होती है। विभाग ने यह तमाम जानकारी विभागीय वेबसाइट पर जारी करने के निर्देश भी दिए थे, लेकिन कई विभागों के अधिकारी और कर्मचारी इसका पालन नहीं कर रहे थे और संपत्ति का ब्यौरा विभाग की वेबसाइट पर प्रदर्शित नहीं कर रहे थे। इस कारण नए आदेश में इसका पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है।