MP News: अब बाबू बन सकेंगे नगरपालिका के CMO, राज्य सरकार ने लिया बड़ा फैसला

 5 वर्ष का अनुभव रखने वाले बाबूओं को मिलेगी प्राथमिकता

 | 
mp news

 राज्य सरकार ने प्रदेश के 413 नगरीय निकायों में से 297 नगरपालिका परिषदों में सीएमओ के पदों को भरने का रास्ता खोल दिया है। 5 साल का अनुभव रखने वाले ए श्रेणी की नगर पालिकाओं ने में कार्यरत अधीक्षक और सी श्रेणी की नगर परिषद दी पालिकाओं में कार्यरत राजस्व निरीक्षक एवं उप राजस्व निरीक्षक नगरपालिका परिषदों में सीएमओ बन सकेंगे। इसी तरह सहायक ग्रेडा, मुख्य लिपिक और लेखापाल के पदों पर कार्यरत 7 वर्ष का अनुभव रखने वाले कर्मचारी सीएमओ बन सकेंगे।


 इसके लिए नगरीय प्रशासन विभाग ने नगरपालिका सेवा नियमों में संशोधन किया है। जिसकी बुधवार को अधिसूचना जारी कर दी गई है बताया जा रहा है कि नगर परिषदों में मुख्य कार्यपालन अधिकारी की पदस्थापना होने से उन्हें डीडीयूके पावर दे दिए जाएंगे वित्तीय शक्ति मिलने से परिषदों में खर्चों के लिए आवश्यक राशि की निकासी की जा सकेगी परिषदों में साफ सफाई के काम पर जल और स्वच्छता के कामों की मॉनिटरिंग ठीक ढंग से हो सकेगी।

मध्यप्रदेश में 413 नगरीय निकाय हैं जिनमें से 100 नगरपालिकाएं ए और बी श्रेणी की है बाकी 297 सी श्रेणी की नगर पालिका आए हैं नगर पालिका परिषदों में 2018 के बाद से कार्यपालक सीएमओ के पद पर मुख्य नगरपालिका अधिकारी खाली पड़े हैं प्रमोशन पर रोक लगी होने से कर्मचारियों की पदोन्नति नहीं हो पा रही है।


25% पद एमपीपीएससी से भर्ती के माध्यम से होंगे
नगरीय निकायों में सीएमओ के 25% पद मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग से भर्ती के माध्यम से और 75% विभागीय पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है वर्तमान 2018 के बाद से एमपीपीएससी के माध्यम से सीएमओ के हर साल 25 फ़ीसदी पद नहीं भर पाए हैं साथ ही पदोन्नति पर रोक लगी होने से पदोन्नति नहीं हो पाई है जिसके चलते नगरीय प्रशासन विभाग को नगर पालिक सेवा नियमों में संशोधन करना पड़ा है जिसे खाली पदों को नई व्यवस्था के हिसाब से पदोन्नत कर भरा जाएगा।