MP News: घर बनाने के लिए बिल्डिंग परमिशन के लिए नहीं काटने होंगे सरकारी दफ्तरों के चक्कर, MP सरकार ने दी बड़ी राहत

नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय बोले- शुल्क, नक्शा जमा करते ही मिल जाएगी डीम्ड परमिशन

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भोपाल। प्रदेश में अब 2000 वर्ग फीट तक का मकान बनाने के लिए बिल्डिंग परमिशन नहीं लेनी पड़ेगी। प्लॉट मालिक नगर निगम या नगर पालिका में शुल्क जमा कर निर्धारित मापदंड के हिसाब से भवन बनाएंगे तो निगम से अनुमति नहीं लेनी होगी। शुल्क जमा करते ही डीम्ड परमिशन जारी हो जाएगी। सरकार के इस फैसले से लोगों को परिमशन के लिए अब नगर निगम, नगर पालिका और आर्किटेक्ट के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।   

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इस फैसले से मध्यमवर्गीय परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी। अभी प्रदेश में 1000 वर्ग फीट तक के मकान के लिए परमिशन लेने की जरूरत नहीं है। यह सुविधा शुरू होने से भोपाल जैसे शहर में बिल्डिंग परमिशन शाखा का 90 प्रतिशत काम खत्म हो जाएगा।

 
एक आंकड़े की बात करें तो राजधानी भोपाल में हर साल लगभग लगभग 6000 बिल्डिंग परमिशन होती हैं। इनमें से 2000 परमिशन निजी आर्किटेक्ट देते हैं, जिन्हें 3200 वर्ग फीट तक की परमिशन देने के अधिकार हैं। नगर निगम की बिल्डिंग परमिशन शाखा के इंजीनियर, जिन्हें 1800 वर्ग फीट तक की परमिशन देने के अधिकार हैं वे करीब 3000 परमिशन देते हैं। इनमें से ज्यादातर 800 से 1200 वर्ग फीट प्लॉट पर होती हैं। शेष कमर्शियल परमिशन होती हैं, जिनके अधिकार चीफ सिटी प्लानर को हैं। 


बता दें कि लोगों की इस सुविधा के लिए मप्र सरकार ने मध्यप्रदेश भूमि विकास नियम 2012 मे संशोधन कर किया है। जिसके तहत डीम्ड परमिशन के प्रावधान में इजाफा प्लॉट साइज को 105 वर्गमीटर को बढ़ाकर 186 वर्गमीटर तक कर दिया गया है। सरकार के द्वारा इसकी अधिसूचना जारी करते हुए लोगों से 15 दिनों में उनके सुझाव और आपत्तियां भी मांगी गई हैं।