MP News: एमपीपीएससी परीक्षा 16 फरवरी को, 1 लाख 18 हजार परीक्षार्थी होंगे शामिल
158 पद के लिए दो सत्र में होंगे पेपर, 22 ऑब्जर्वर बनाए, केंद्रों के निरीक्षण के लिए बनाए गए उड़नदस्ते

इंदौर में 72 परीक्षा केंद्र, भोपाल में 50 से अधिक, रीवा में 12
भोपाल। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) ने राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2025 को लेकर तैयारी पूरी कर ली है। कल 16 फरवरी रविवार को आयोग ने 52 जिलों में परीक्षा आयोजित की है, जिसमें 1 लाख 18 हजार अभ्यर्थी सम्मिलित होंगे। 342 केंद्रों में दो सत्र में पेपर रखे गए हैं। अकेले इंदौर जिले में 72 सरकारी-निजी कॉलेज व स्कूलों को केंद्र बनाया है। वहीं राजधानी भोपाल में 50 से अधिक सरकारी-निजी कॉलेज और स्कूलों में यह परीक्षा आयोजित कराई जाएगी।
आयोग ने परीक्षा से जुड़ी व्यवस्था के लिए बेहतर संचालन को लेकर सेवानिवृत्त आईएएस-आईएफएस, पूर्व न्यायाधीश सहित 22 आजर्वर बनाया है। अधिकारियों के मुताबिक केंद्रों पर निरीक्षण के लिए उड़नदस्ते भी बनाए हैं। एमपीपीएससी के लिए 31 दिसंबर 2024 को आयोग ने परीक्षा को लेकर विज्ञापन निकाला था। इसमें 18 विभागों में रिक्त 158 पद रखे हैं।
परीक्षा के माध्यम से 10 एसडीएम, 22 उप पुलिस अधीक्षक, 10 अतिरिक्त सहायक विकास आयुक्त, 65 बाल विकास परियोजना अधिकारी, 14 वित्त विभाग, 7 सहकारी निरीक्षक सहित पदों पर भर्ती की जाएंगी। आयोग ने सीटों का विभाजन कर दिया है। 38 अनारक्षित, 24 एससी, 48 एसटी, 35 ओबीसी और 13 ईडब्ल्यूएस के लिए सीटें आरक्षित हैं।
17 जनवरी तक आयोग को 1 लाख 18 हजार आवेदन प्राप्त हुए थे। इंदौर, उज्जैन, धार, झाबुआ, छिंदवाड़ा, शिवपुरी, हरदा, सीहोर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, सतना, सागर सहित 52 जिलों में परीक्षा केंद्र रखे गए हैं। 16 फरवरी को दो सत्रों में परीक्षा आयोजित होगी। पहला प्रश्न पत्र सुबह 10 से दोपहर 12 बजे के बीच सामान्य अध्ययन और दूसरा प्रश्न पत्र दोपहर 2:15 से 4:15 बजे के बीच सामान्य अभिरुचि परीक्षण का रखा है।
सीहोर में तीन और विदिशा में दो परीक्षा केंद्र
यह परीक्षा विदिशा के दो परीक्षा केंद्रों पर आयोजित होगी। परीक्षा दो सत्रों में होगी। विदिशा में 1074 परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। वहीं सीहोर में तीन केंद्रों में यह परीक्षा होगी, जिसमें 1106 परीक्षार्थी शामिल होंगे।
न्यायालय के आदेश पर पंजीयन
आयोग ने 17 जनवरी को पंजीयन की लिंक बंद कर दी। इसके बाद कुछ अभ्यर्थी आवेदन से वंचित रह गए। उसके बाद उन्होंने न्यायालय की शरण की। अयर्थियों के पक्ष में न्यायालय ने आदेश दिया। फिर आयोग को पंजीयन के लिए दो दिन लिंक खोली। बावजूद इसके अभी कई अभ्यर्थी जो फार्म नहीं भर पाए हैं। इन्होंने आयोग में भी अधिकारियों से गुहार लगाई है। उनका कहना है कि आवेदन के लिए सिर्फ 17 दिन दिए गए थे, जबकि पहले महीनेभर का समय दिया जाता था।