MP News: खतरे में 'मोहन' के कई मंत्रियों की कुर्सी, लोकसभा चुनाव के बाद बड़े फेर बदल के दिख रहे आसार

कांग्रेस से नाता तोड़ कर आए विधायकों को मिल सकता है मौका 

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भोपाल। लोकसभा चुनाव में परफार्मेंस के आधार पर मंत्री और विधायकों का भाजपा संगठन में रिपोर्ट कार्ड तैयार हो रहा है। लोकसभा चुनाव में जिन मंत्रियों के क्षेत्र में पार्टी बेहतर प्रदर्शन करने में सफल नहीं रहेगी। उनकी मुश्किलें बढ़ सकती है। ऐसे में उनकी कुर्सी पर भी खतरा मंडरा सकता है। हालांकि डॉ. मोहन यादव कैबिनेट में ये अभी 30 मंत्री हैं जबकि तीन मंत्री और बनाए जा सकते हैं।
 

कांग्रेस से नाता तोड़ने वाले और विधायक को जल्द ही मंत्री पद से भाजपा का दामन थामने वाले दो विधायकों एवं एक पूर्व विधायक को जल्द ही मंत्री पद से नवाजा जा सकता है। इनमें से एक ने तो पिछले महीने ही अपनी विधान सभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया है, लेकिन बाकी के दो विधायकों ने अब तक विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है, ऐसे में अब उनके जल्द ही इस्तीफा दिए जाने को लेकर भी अटकलें तेज हो गई हैं।

 

लोकसभा चुनाव में परफार्मेंस के आधार पर मंत्री और विधायकों का भाजपा संगठन में रिपोर्ट कार्ड तैयार हो रहा है। लोकसभा चुनाव में जिन मंत्रियों के क्षेत्र में पार्टी बेहतर प्रदर्शन करने में सफल नहीं रहेगी। उनकी मुश्किलें बढ़ सकती है। ऐसे में उनकी कुर्सी पर भी खतरा मंडरा सकता है। हालांकि डॉ. मोहन यादव कैबिनेट में ये अभी 30 मंत्री हैं जबकि तीन मंत्री और बनाए जा सकते हैं।

लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद इन तीनों को डॉ. मोहन यादव अपनी कैबिनेट में शामिल कर सकते हैं। इनमें कांग्रेस के 6 बार के विधायक राम निवास रावत और कांग्रेस के टिकट पर बीना से चुनाव लड़कर पहली बार विधानसभा में पहुंची निर्मला सप्ने के अलावा अमरवाड़ा के पूर्व विधायक कमलेश शाह का नाम शामिल हैं। इन तीनों में से शाह ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद भाजपा की सदस्यता ली थी, जबकि रावत और सप्रे ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ भाजपा का मंच शेयर किया, लेकिन अब तक विधानसभा की सदस्यता से दोनों ने इस्तीफा नहीं दिया।

इधर कांग्रेस देगी विधानसभा को आवेदन
राम निवास रावत और निर्मला सप्रे की विधानसभा से सदस्यता समाप्त करने के लिए कांग्रेस विधायक दल जल्द ही विधासभा सचिवालय को एक आवेदन देगा। इस तरह का एक आवेदन पिछले विधानसभा में सचिन बिरला को भी लेकर कांग्रेस ने दिया था, लेकिन कांग्रेस का आवेदन निरस्त हो गया था। अब मामला मंत्री बनाए जाने को लेकर चल रहा है, इसलिए यह माना जा रहा है कि दोनों ही विधायक जल्द ही विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे सकते हैं।

देना होगा पहले इस्तीफा
जानकारों की माने तो मंत्रिमंडल में शामिल है होने से पहले राम निवास रावत और निर्मला सप्रे को पहले विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना होगा, प्रदे जब यह इस्तीफा स्वीकार हो जाएगा और उनकी खाली हो जाएगी, उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जा है। उन्हें अगले छह महीने के भीतर बनना होगा।