MP News: एमपी में लोकायुक्त ने ईडी और इनकम टैक्स से सौरभ के बारे में मांगी जानकारी
परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक से ईडी की टीम ने जेल में जाकर की पूंछतांछ, सनसनीखेज

भोपाल। परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा से ईडी की टीम ने जेल में जाकर कई बार पूंछताछ की। पूंछताछ में कई सनसनीखेज जानकारियां सामने आई हैं, जिसमें कई छिपे हुए राज सामने आए हैं। ईडी की पूछताछ में सौरभ ने कुछ नाम बताएं हैं, जिनके पैसों का वह अपने बिजनेस में उपयोग करता था। साथ ही बंसल वन में बिजनेस कर रहे एक और कारोबारी का नाम बताया है, जिसके बिजनेस मेें कई अधिकारियों के पैसे लगे हुए हैं।
बिजनेस मैन ने जांच से बचने के लिए भाजपा का चोला ओढ़ लिया है। इस बात की जानकारी भी ईडी को मिल गई है। दोना यह है कि ईडी उक्त जानकारी को अन्य जांच एजेंसियों को शेयर करता है या खुद ही कार्रवाई करता है। उधर डीजी लोकायुक्त जयदीप प्रसाद ने ईडी और इनकम टैक्स को पत्र लिखा है।
पत्र के साथ एफआईआर की कॉपी भी भेजी है और अनुरोध किया है कि उक्त एफआईआर के संबंध में यदि कोई कागजात जब्त किए हैं तो उसकी जानकारी शेयर की जाए। डीजी लोकायुक्त का कहना है कि यह सामान्य प्रक्रिया है, जांच एजेंसियां रिकार्ड एक दूसरे को शेयर करती रहती हैं।
54 किलो सोना व 11 करोड़ किसका स्पष्ट नहीं
लोकायुक्त की छापामार कार्रवाई के दौरान ही आयकर अधिकारियों ने मेंडोरा में एक खाली फार्महाउस में खड़ी लावारिस इनोवा से 54 किलोग्राम सोना और करीब 11 करोड़ की नकदी बरामद की थी। इनोवा चेतन सिंह गौर की है, लेकिन उसका उपयोग सौरभ शर्मा के कार्यालय में किया जाता था।
सौरभ शर्मा, चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल इनोवा में मिले 54 किलोग्राम सोने और नकदी को लेकर जांच एजेंसियों से कह चुके हैं कि यह उनकी नहीं है। लोकायुक्त पुलिस, आयकर और ईडी के अधिकारियों को अंदेशा है कि यह सोना और नकदी सौरभ शर्मा की ही है। इस संबंध में जांच एजेंसियां दस्तावेजों को खंगाल रही हैं।
लोकायुत और ईडी कर रही जांच
आयकर ने बरामद किया था सोना परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के ठिकानों पर 18-19 दिसंबर 2024 को लोकायुक्त पुलिस ने छापा मारा था। छापे में करोड़ों की संपत्ति, नकदी व जेवरात बरामद हुआ था। लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ के पार्टनर और राजदार चेतन सिंह गौर व शरद जायसवाल के ठिकानों पर भी छापा मारा था।
इसके बाद सौरभ शर्मा के ठिकानों पर ईडी ने भी छापा मारकर नकदी और बड़ी संख्या में संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए थे। लोकायुक्त पुलिस ने 41 दिन की फरारी के बाद सौरभ शर्मा को गिरफ्तार किया। उसे भोपाल जिला अदालत में सरेंडर करने से पहले गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल को भी लोकायुक्त पुलिस ने गिरफ्तार किया।
तीनों की रिमांड अवधि पूरी होने के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। वर्तमान में तीनों भोपाल केंद्रीय जेल में बंद हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी लगातार तीन दिन तक जेल पहुंचकर सौरभ शर्मा, चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल से संपत्तियों, नकदी और सोने के संबंध में पंूछताछ कर चुके हैं।